कहते हैं कि आलस आदमी का सबसे बड़ा शत्रु है. यह आलस सुबह उठने से लेकर रात सोने तक कुछ लोगों का पीछा नहीं छोड़ता है. उनमें टालमटोल करने की ऐसी आदत लग जाती है कि कोई भी काम समय पर पूरा नहीं होता है.
आलस अपने आप में एक गंभीर परेशानी है. आलस न सिर्फ़ हमारी प्रोडक्टिविटी को कम करता है, बल्कि ये हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर भी गहरा असर डालता है. आलस किसी भी काम को बोझिल बना सकता है. यह एक ऐसी आदत है, जो बने हुए काम को बिगाड़ सकती है.
हालांकि ठीक स्ट्रैटजी और माइंडफुलनेस के जरिए इस आदत से छुटकारा पाया जा सकता है.
तो आज रिलेशनशिप कॉलम में हम आलस से बचने के तरीकों के बारे में बात करेंगे. साथ ही जानेंगे कि-
आलस क्या होता है?
इसमें आदमी अपने काम को लेकर उदासीन बना रहता है. वह अपनी जिम्मेदारियों से बचने की प्रयास करता है. आलस में आदमी काम करने के बजाय उससे बचने के नए-नए बहाने ढूंढता है. रोजमर्रा के बुनियादी आवश्यकता के काम भी पेंडिंग पड़े रहते हैं और धीरे–धीरे करके कामों का अंबार इकट्ठा हो जाता है.
आलस क्यों होता है?
इसके कई कारण हो सकते हैं. हर आदमी के हिसाब से कारण भिन्न-भिन्न हो सकते हैं. कई बार थकान या मोटिवेशन की कमी के कारण भी काम में मन नहीं लगता और यह आलस का रूप ले लेता है. किसी हेल्थ इशू की वजह से भी ऐसा हो सकता है कि आदमी को काम करने की ऊर्जा और उत्साह महसूस न हो. कई बार यह केवल आलसी स्वभाव के कारण भी होता है.
हर आलसी आदमी में दिखते ये संकेत
आलस एक ऐसी बुरी आदत है, जो धीरे-धीरे आदमी की लाइफस्टाइल को प्रभावित करती है. इससे उसकी दिनचर्या पूरी तरह से खराब हो सकती है और महत्वपूर्ण काम पीछे छूटने लगते हैं. आलसी आदमी किसी भी काम को कठिन और थका देने वाला समझता है. वह शारीरिक रूप से कुछ भी करने से बचता है. इसके कुछ संकेत हैं, जिन्हें नीचे दिए गए ग्राफिक से समझिए-
आलस मेंटल और फिजिकल हेल्थ के लिए नुकसानदायक
साइकोलॉजिस्ट डाक्टर सत्यकांत त्रिवेदी बताते हैं कि आलस मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है. इससे स्ट्रेस और एंग्जाइटी जैसी समस्याएं हो सकती हैं. जब किसी कार्य को करने में समय की देरी होती है तो वह मानसिक दबाव का कारण बन सकता है. इससे आदमी स्वयं को निष्क्रिय महसूस कर सकता है, जिससे आत्म-सम्मान में कमी की भावना महसूस हो सकती है.
शारीरिक रूप से कुछ भी न करने से शरीर की मसल्स कमजोर हो सकती हैं. बिना कुछ किए खाकर केवल बैठे रहने और सोने से वजन बढ़ सकता है. ये मेटाबॉलिज्म को स्लो कर सकता है, जिससे पाचन तंत्र प्रभावित होता है.
आलस काे ऐसे भगाएं दूर
आलस को दूर करने के लिए सबसे पहले हमें मानसिक रूप से तैयार होना होगा. नियमित वर्कआउट करने, हेल्दी डाइट और पर्याप्त नींद लेने से शरीर दिन भर एनर्जेटिक बना रहता है. इसके अतिरिक्त अपनी लाइफस्टाइल में कुछ अन्य परिवर्तन भी करने की आवश्यकता है. इसके लिए नीचे ग्राफिक देखिए-
अपने कार्यों को प्रिऑरिटी के हिसाब से करें
जब आपके पास कई काम हों तो हर काम के लिए एक समय निर्धारित करें और उसे उसी समय में करने का कोशिश करें. इसके अतिरिक्त सबसे पहले अपने जरूरी कार्यों को करें. इसके बाद दूसरे कामों को अहमियत दें.
छोटे-छोटे टुकड़ों में बांटकर काम करें
हर काम के लिए छोटे-छोटे लक्ष्य निर्धारित करें. इससे तनाव कम होता है और काम की प्रोडक्टिविटी बढ़ती है. इसके अतिरिक्त कोई भी काम बोझिल नहीं लगता है. इसलिए एक समय में एक ही काम में मन लगाएं. हर छोटे कार्य को पूरा करने पर एक मोटिवेशन भी मिलता है.
डिस्ट्रैक्शन की पहचान करें और उन्हें कंट्रोल करें
काम करते समय डिस्ट्रैक्शन से बचना बहुत महत्वपूर्ण है. यदि आप कोई ऐसा काम कर रहे हैं, जो आपके मोबाइल टेलीफोन या आसपास के शोर से प्रभावित हो रहा है तो ऐसी स्थान से दूरी बनाएं. इससे आप अपने काम को बेहतर ढंग से कर सकेंगे.
तनाव कम करने का कोशिश करें
तनाव हमारे शरीर का वह शत्रु है, जो हमारे दिमाग पर नकारात्मक असर डालता है. इससे सोचने और फैसला लेने की क्षमता कम हो जाती है. इससे थकान के साथ-साथ काम पर ध्यान केंद्रित करने में भी मुश्किल होती है. इससे निपटने के लिए नियमित मेडिटेशन और पर्याप्त नींद बहुत महत्वपूर्ण है.
बीच-बीच में ब्रेक लें
लंबे समय तक एक ही स्थान पर बैठकर काम करना मानसिक थकान का कारण बन सकता है. इसलिए काम के बीच में थोड़ी देर के लिए ब्रेक लेना महत्वपूर्ण है. ये फिर से काम पर ध्यान केंद्रित करने में सहायता करता है. इससे आपकी प्रोडक्टिविटी में बढ़ोत्तरी होता है.
काम के दौरान मोटिवेटेड रहना जरूरी
किसी भी काम के लिए उसे लेकर पॉजिटिव और मोटिवेटेड रहना महत्वपूर्ण है. यह आपको अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायता करता है. काम में मोटिवेशन की कमी से डिप्रेशन, स्ट्रेस या एंग्जाइटी हो सकती है.
जब ऑफिस के कामों में मन न लगे तो अपनाएं ये टिप्स
याद रखें, कभी-कभी काम में मन न लगना सामान्य बात है. लेकिन यदि ये प्रतिदिन होने लगे तो आप आलस के शिकार हो सकते हैं. इससे निपटने के लिए नीचे दिए गए कुछ टिप्स अपना सकते हैं.