दिल्ली की हवा दिन पर दिन जहरीली होती जा रही है. आज हम आपको दिल्ली में जहरीली हवा का पूरा आंकड़ा बताएंगे. दिल्ली के कुछ इलाकों में AQI लगभग 506, 473, 472, 471 तक पहुंच चुका है. इतनी ज़हरीली हवा में लोग कैसे सांस ले पा रहे हैं? दिल्ली वाले अब बस यही पूछ रहे हैं कि बिना साफ़ हवा के कैसे जिएं? शहर धुंध की ऐसी चादर में लिपटा हुआ है कि आंख, नाक, कान हर जगह से प्रदूषण शरीर में घुस रहा है.
राजधानी के 14 इलाकों में AQI साढ़े चार सौ के पार है. जहांगीरपुरी का AQI कल सुबह 500 के पार चला गया था. कोई इसके लिए पराली के धुएं को ज़िम्मेदार ठहराता है तो कोई वाहनों से निकलने वाले धुएं को. कुछ लोग फैक्ट्रियों और कंस्ट्रक्शन को भी प्रदूषण की बड़ी वजह मानते हैं.
बढ़ते प्रदूषण के कारण नवजात शिशुओं का वजन भी कम हो गया है. नाइट्रस ऑक्साइड के अंदर सांस लेने को 16% गर्भपात का कारण बताया गया है. साइंस जर्नल लैंसेट के एक अध्ययन से पता चलता है कि भारत में लगभग 17 लाख लोग वायु प्रदूषण के कारण मरते हैं. जबकि डब्ल्यूएचओ के अनुसार दुनिया भर में हर साल 70 लाख लोग खराब हवा के कारण मरते हैं. एक तरफ प्रदूषण का खतरा तो दूसरी तरफ ठंड भी अचानक बढ़ गई है. इसका मतलब है कि सेहत पर दोहरा हमला हो रहा है.आखिर इससे कैसे बचें?
प्रदूषण हमारे शरीर के अधिकांश अंगों को प्रभावित करता है. लेकिन इसका सबसे अधिक असर फेफड़ों पर पड़ता है. फेफड़ों की सुरक्षा के लिए श्वसारि क्वाथ पिएं, मुलेठी उबालकर पिएं और चने की रोटी भी खाएं.
कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के लिए लौकी का सूप पिएं, लौकी की सब्जी खाएं और लौकी का जूस भी पिएं.
थायराइड से बचने के लिए सुबह सेब का सिरका पिएं, रात को हल्दी वाला दूध पिएं, थोड़ी देर धूप में बैठें, नारियल के तेल में खाना पकाएं और 7 घंटे की नींद जरूर लें और 30 मिनट योग जरूर करें.
गुर्दे को बचाने के लिए सुबह नीम के पत्तों का जूस और शाम को पीपल के पत्तों का जूस पिएं.
मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए खीरा, करेला, टमाटर का जूस पिएं, जामुन के बीजों का पाउडर खाएं.
कुल मिलाकर गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से बचने के लिए अपनी जीवनशैली में बदलाव लाने की कोशिश करें. वजन न बढ़ने दें, धूम्रपान छोड़ दें, समय पर सोएं और कम से कम 8 घंटे आराम करें. नियमित स्वास्थ्य जांच करवाएं, मसालेदार भोजन से बचें, कसरत और ध्यान जरूर करें.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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