उपराष्ट्रपति ने विश्व के सबसे सुंदर घाट ‘नमो घाट’ का भव्य उद्घाटन करते हुए कहा- भारत सनातन की…
Krati Kashyap November 16, 2024 12:27 PM

वाराणसी: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को विश्व के सबसे बड़े और सुंदर घाट ‘नमो घाट’ का भव्य उद्घाटन किया. इस अवसर पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे. उपराष्ट्रपति ने बोला कि हिंदुस्तान सनातन की भूमि है और काशी इसका केंद्र है.

2024 11 15 16 56 55 IMG 20241115 WA0086

जगदीप धनखड़ ने अपने संबोधन में बोला कि सनातन धर्म सभी को समाहित करता है और इसने आक्रमणकारियों को भी समाहित करने का कार्य किया है. यह हमें एकता और दृढ़ता की सीख देता है. मुख्यमंत्री योगी की प्रशंसा करते हुए उन्होंने बोला कि सीएम अपनी लगन और निष्ठा से यूपी को उद्यम प्रदेश बनाकर इसे सर्वोच्च प्रदेश बनाने की दिशा में अग्रसर हैं.

उन्होंने बोला कि संरक्षण, सृजन, दूरदर्शी और सराहनीय विकास के लिए जिस प्रकार पीएम मोदी समर्पित हैं, यूपी में यही काम तपस्वी के रूप में योगी आदित्यनाथ कर रहे हैं. उन्होंने गवर्नर आनंदी बेन पटेल की प्रशंसा करते हुए बोला कि उन्हें कई अवसरों पर उनके मार्गदर्शन का फायदा मिला है.

उपराष्ट्रपति ने ‘नमो घा’ट के उद्घाटन को अपने लिए सौभाग्य का क्षण बताया. उन्होंने कहा, “दुनिया के सबसे बड़े घाट का उद्घाटन करना मेरे लिए बड़ा सम्मान है. मुख्यमंत्री योगी ने जब बोला कि हिंदुस्तान के अतिरिक्त और कहां घाट होते हैं, तो इससे मेरी बात को और बल मिला. काशी मोक्ष की नगरी है और यहां की परंपराएं अनवरत रूप से प्रज्वलित रहती हैं.

उपराष्ट्रपति ने इस बात पर भी बल दिया कि उद्घाटन दिवस का संयोग बहुत खास है. उन्होंने बोला कि आज ही के दिन सिख धर्म के संस्थापक प्रथम गुरु श्री गुरुनानक देव जी का 555वां प्रकाश पर्व है. इसके साथ ही उन्होंने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती का भी स्मरण करते हुए आदिवासी समुदाय की गौरवशाली विरासत की सराहना की.

जगदीप धनखड़ ने कहा कि हिंदुस्तान तीव्र गति से विकास की ओर अग्रसर है और 2047 तक विकसित देश बनने का लक्ष्य रखा गया है. इस बड़े यज्ञ में हर भारतीय को सहयोग देना होगा. हिंदुस्तान की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित रखने की जरूरत पर बल देते हुए उन्होंने बोला कि हमारे ऋषि-मुनियों ने हमें बार-बार याद दिलाया है कि हमारी सांस्कृतिक जड़ें ही हमारे वर्तमान और भविष्य का आधार हैं. इसे संरक्षित रखने का दायित्व हम सभी का है.

उपराष्ट्रपति ने अपने संबोधन में स्वदेशी भावना को भी बल दिया. उन्होंने बोला कि स्वदेशी दीप राष्ट्र की मिट्टी, ऑयल और रुई का अनूठा मेल हैं. वैश्विक व्यापार में भी हमें स्वदेशी भावना को विचार में रखना चाहिए. उन्होंने सामाजिक समरसता पर बल देते हुए बोला कि हिंदुस्तान सामाजिक समरसता की नींव है. मतभेद हो सकते हैं, पर “मनभेद” को कम रखना चाहिए. सौहार्दपूर्ण संवाद, आस-पड़ोस का ध्यान रखना ही त्योहारों की खास बात है.

उन्होंने बोला कि देव दिवाली का यह पारंपरिक उत्सव समाज के हर वर्ग को एक साथ आने का अवसर देता है. यह बदलते हिंदुस्तान की तस्वीर को दर्शाता है और यह ऐतिहासिक क्षण मेरे लिए अत्यंत जरूरी है. उन्होंने बोला कि नमो घाट के उद्घाटन के साथ ही वाराणसी ने एक बार फिर से अपनी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को विश्व के सामने गौरव के साथ प्रस्तुत किया है.

इस अवसर पर उपराष्ट्रपति की पत्नी सुदेश धनखड़, गवर्नर आनंदी बेन पटेल, केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी, प्रदेश के स्टाम्प एवं पंजीयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविंद्र जायसवाल, विधायक डाक्टर नीलकंठ तिवारी, सौरभ श्रीवास्तव, महापौर अशोक तिवारी, एमएलसी धर्मेन्द्र, हंसराज विश्वकर्मा, जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्य, सुनील पटेल समेत अन्य गणमान्य उपस्थित रहे.

© Copyright @2024 LIDEA. All Rights Reserved.