Vegetable Inflation: भारत में महंगाई दर के लगातार बढ़ने का सिलसिला जारी है और इस अक्टूबर के महीने में खुदरा महंगाई दर रिजर्व बैंक के तय 6 फीसदी के लक्ष्य से ऊपर चली गई है. अक्टूबर में रिटेल महंगाई दर 6.21 फीसदी पर जा पहुंची है जो इसका 14 महीने का उच्च स्तर है. अगस्त 2023 के बाद ये पहली बार है जब खुदरा महंगाई दर आरबीआई के टॉलरेंस लेवल के पार चली गई है. देश में खाने-पीने के सामान खासकर सब्जियों के दाम में जोरदार उछाल से महंगाई दर में इजाफा दर्ज किया गया.
अक्टूबर में सब्जियों की महंगाई दर 15 महीने के उच्च स्तर 10.87 फीसदी पर चली गई है. इसमें भी खास तौर पर TOP यानी टमाटर, आलू और प्याज के दाम में सबसे ज्यादा इजाफा दर्ज किया गया है.
थोक महंगाई दर में भी खासी बढ़ोतरी देखी गई और ये 2.36 फीसदी पर आ गई और इसमें भी खाद्य महंगाई दर में 11.59 फीसदी की मुद्रास्फीति की दर काफी चिंता का विषय बन रही है.
सप्लाई चेन की समस्या का समाधान ना होना हैरान करता है और इस बात को रेखांकित करता है कि सब्जियों के बाजार में बड़े खिलाड़ियों के होने के बावजूद आपूर्ति की दिक्कतों को पूरी तरह सुलझाया नहीं जा सका है. हैरान करने वाली बात ये है सर्दियों के सीजन में आमतौर पर सप्लाई अच्छी रहती है और इसके बावजूद अगर टमाटर-प्याज जैसी रूटीन सब्जियों के दाम नीचे नहीं आ रहे हैं तो ये चिंता का विषय है.
इस समय सब्जियों में खास तौर पर आलू-प्याज, टमाटर के दाम में जोरदार बढ़ोतरी के बाद नई बहस भी जमकर हो रही है. देश के केंद्रीय बैंक आरबीआई के गवर्नर के सामने चुनौती है कि वो दिसंबर में होने वाली रिजर्व बैंक की मॉनिटरी पॉलिसी में ब्याज दरों में कटौती करें जो कि इस साल समान स्तर पर बरकरार हैं.
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