पहाड़ों में लगातार सड़क हादसे बढ़ते ही जा रहे हैं। पिछले दिनों अल्मोड़ा जिले के सल्ट में एक बस गिरने से 36 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। वहीं बीते मंगलवार के दिन अल्मोड़ा के पेटशाल में भी एक चौपहिया वाहन सड़क से नीचे जा गिरा जिसमें बैठे हुए लोगों को चोट आई और बड़ा दुर्घटना होने से टला। लगातार पहाड़ों में सड़क हादसे बढ़ते ही जा रहे हैं। इसको लेकर मीडिया की टीम ने पब्लिक ओपिनियन के जरिए अल्मोड़ा की आम जनता से इस बारे में उनकी राय जानने की प्रयास की।
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खराब सड़के हैं एक वजह
स्थानीय निवासी पूरन रौतेला ने कहा कि आधे से अधिक सड़क दुर्घटनाएं सड़क ठीक नहीं होने की वजह से होती हैं और कई बार सड़क दुर्घटनाएं ओवरलोडिंग और तेज गति की वजह से भी होती हैं। कई ऐसी बस और गाड़ी हैं जिनका परमिट समाप्त हो चुका है पर वे अभी भी सड़क पर दौड़ रही हैं। कई ऐसे वाहन हैं, जिन पर लगाम लगाई जानी चाहिए जिनकी तेज गति होने से यात्रियों और पैदल चलने वाले लोगों के लिए भी खतरा बना रहता है।
कई वजहों से होते हैं हादसे
एक और क्षेत्रीय निवासी हिंदुस्तान पांडे ने कहा कि पहाड़ों में जो सड़क दुर्घटनाएं होती हैं उसके कई कारण हैं। एक तो ओवर स्पीड, सड़क में गड्ढे, ओवरलोडिंग और गाड़ियों की मैकेनिक परेशानी की वजह से भी सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। हर स्थान पर पुलिस और परिवहन विभाग चेकिंग नहीं कर सकता इसके लिए लोगों को सचेत होने की आवश्यकता है कि वे यदि ओवरलोडिंग और तेज गति में गाड़ी चलाते हैं इससे कितना बड़ा खतरा है।
उन्होंने कहा कि मरचूला वाली घटना में यदि दो-तीन वाहन त्योहारों के लिए लगे होते, तो ये घटना नहीं होती। इसको देखते हुए गवर्नमेंट और प्रशासन ने अन्य जगहों के लिए वाहनों की प्रबंध करनी चाहिए, ताकि लोग एक गंतव्य से दूसरे गंतव्य तक सरलता से पहुंच पाएं। खासकर जब भीड़ हो सकती है जैसे त्योहारों का सीजन तो प्रबंध और चौकस होनी चाहिए।
स्पीड लिमिट होनी चाहिए
इस बारे में लोकल रेजिडेंट सुरेंद्र सिंह बिष्ट ने कहा कि पहाड़ों में जो भी गाड़ी चलती हैं उनकी एक गति लिमिट होनी चाहिए। यदि कोई भी ओवर गति में गाड़ी चलाता है, तो उसके ऊपर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए। सड़के अच्छी होनी चाहिए, ताकि दुर्घटनाओं को रोका जा सके। कई बार उन्होंने देखा है कि शाम होते ही लोग शराब के नशे में गाड़ी चलाते हैं उनका मानना है कि पुलिस प्रशासन और परिवहन विभाग के द्वारा उन जगहों पर चेकिंग करनी चाहिए और अल्कोहल मीटर लगाकर चेकिंग अभियान चलाकर ऐसे लोगों के ऊपर कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए। उत्तराखंड में जिस ढंग से दुर्घटनाएं हो रही है यह बड़े दुर्भाग्य की बात है।
नशा भी बड़ा कारण
इस बारे में क्षेत्रीय निवासी सूरज तिवारी ने कहा कि नशे की वजह से भी कई बार दुर्घटनाएं होती हैं इसके अतिरिक्त आजकल के समय में युवा वर्ग भी तेज गति में वाहन चलते हैं। साथ ही कई बार पहाड़ी जनपद में कम गाड़ी होने की वजह से लोग ओवरलोडिंग करके लेकर जाते हैं जिस वजह से सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। उनका मानना है कि इसके लिए हर किसी को सतर्क रहने की आवश्यकता है। यदि लोग इसके प्रति सतर्क नहीं होंगे तो सड़क दुर्घटनाएं और भी बढ़ती ही जाएंगी। इसके अतिरिक्त उन्होंने यह भी कहा कि सड़क के किनारे क्रश बैरियर और सुरक्षा दीवार होनी चाहिए जिससे दुर्घटनाओं पर थोड़ी बहुत लगाम लगाई जा सके।