Cyber Attack से बचना है तो जान ले स्कैमर्स कैसे बनाते है लोगों को शिकार ? बचने के लिए फौरन जान ले ये जरूरी टिप्स
Samachar Nama Hindi November 16, 2024 07:42 PM

बिज़नेस न्यूज़ डेस्क - हाल ही में दिवाली थी। दिवाली के त्यौहार पर लोग आमतौर पर खूब खरीदारी करते हैं, इसलिए इस दौरान ऑनलाइन या ऑफलाइन शॉपिंग जमकर की जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दौरान साइबर धोखाधड़ी के मामले भी बढ़ जाते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार पिछले साल साइबर धोखाधड़ी के 11 लाख से ज़्यादा मामले सामने आए हैं। मौजूदा ट्रेंड को देखें तो पता चलता है कि बुजुर्गों को खास तौर पर निशाना बनाया जा रहा है। इसलिए उन्हें इन चार तरह के स्कैम से सावधान रहना चाहिए, जो इस समय सबसे ज़्यादा चलन में हैं।

कस्टमर सपोर्ट स्कैम
सबसे पहले बात करते हैं कस्टमर सपोर्ट स्कैम की। सही सपोर्ट चैनल तक पहुँचने के बजाय, ग्राहक गलती से वीडियो-शेयरिंग साइट्स या मैप रिजल्ट पर लिस्ट किए गए फ़र्जी नंबर का इस्तेमाल करते हैं। जालसाज़ इसका फ़ायदा उठाते हैं और पीड़ित को अपने फ़ोन में स्क्रीन-शेयरिंग सॉफ़्टवेयर डाउनलोड करने के लिए राज़ी करते हैं। इसे मोबाइल हाइजैकिंग भी कहते हैं।

डिजिटल अरेस्
दूसरा है वर्चुअल अरेस्ट स्कैम। इस घोटाले में जालसाज पुलिस/ईडी/कस्टम ड्यूटी अधिकारी बनकर पीड़ित पर उसकी आईडी का इस्तेमाल करके अपराध करने का आरोप लगाते हैं। इस तरह वे पीड़ित को डरा-धमकाकर उससे ढेर सारा पैसा ऐंठ लेते हैं।

आधार घोटाला
इस श्रृंखला में तीसरा घोटाला आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AePS) घोटाला है। यह एक तरह की वित्तीय धोखाधड़ी है। इस घोटाले में अपराधी पीड़ित के आधार बायोमेट्रिक डेटा का इस्तेमाल करके उसकी सहमति के बिना उसके बैंक खाते से पैसे निकाल लेते हैं।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए धोखाधड़ी
आखिर में, सोशल मीडिया के जरिए घोटाले होते हैं। जालसाज सोशल और मैसेजिंग चैनलों पर फर्जी अकाउंट बनाते हैं। वे इंटरनेट पर आसानी से उपलब्ध तस्वीरों का इस्तेमाल करके फर्जी अकाउंट बनाते हैं। ऑनलाइन चैट पर वे उस व्यक्ति के परिचितों से किसी आपात स्थिति का हवाला देकर आर्थिक मदद मांगते हैं जिसका फर्जी अकाउंट बनाया गया है। इस घोटाले के शिकार को शुरू में लगता है कि वह अपने प्रियजनों की मदद कर रहा है और बाद में पता चलता है कि उसके साथ लूट हुई है।

इन 5 तरीकों को अपनाकर आप इन घोटालों से बच सकते हैं:-
1. आपकी सहमति के बिना किसी भी AePS ट्रांजेक्शन को रोकने के लिए अपने आधार बायोमेट्रिक को हमेशा लॉक रखें। इसके लिए UIDAI की वेबसाइट पर myaadhaar सेक्शन में जाकर अपने बायोमेट्रिक को लॉक करें। जरूरत पड़ने पर आप इसे अनलॉक कर सकते हैं। लेकिन इस्तेमाल के बाद इसे फिर से लॉक करना न भूलें।

2. किसी भी अनजान सर्विस प्रोवाइडर या अजनबी से डील करते समय बहुत सावधान रहें। खासकर अगर वे आपसे कोई ऐप डाउनलोड करने या सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करने के लिए कहें। अपने किसी भी डिवाइस को एक्सेस देने से पहले किसी एक्सपर्ट से सलाह लें।

3. कुछ बुनियादी बातें हमेशा याद रखें- पेमेंट करते समय आपको QR कोड स्कैन करना होगा। पैसे प्राप्त करने के लिए कभी भी QR कोड स्कैन नहीं किया जाता।

4. अगर किसी अनजान व्यक्ति ने आपको पैसे ट्रांसफर किए हैं या वह आपको बताता है कि उसने गलती से ज्यादा पैसे भेज दिए हैं, जो उसे वापस चाहिए। तो ऐसी स्थिति से निपटने के लिए हमेशा किसी भरोसेमंद एक्सपर्ट की मदद लें।

5. पांचवां, यह समझने में थोड़ा समय लें कि कोई लिंक या SMS भरोसेमंद है या नहीं। हो सकता है कि यह कोई घोटाला हो। इसलिए अगर जरा भी संदेह हो तो लिंक पर क्लिक न करें और न ही किसी मैसेज का जवाब दें।अगर आप कभी साइबर स्कैम का शिकार होते हैं तो तुरंत 1930 पर कॉल करके पुलिस को सूचित करें।

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