राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) नेता इंद्रेश कुमार ने कहा, "मुस्लिम नेता जो ऐसा बोलते हैं तो उनके मुसलमान होने पर भी शक होता है. उन्होंने कहा कि वो जिन्ना के साथ चल देते तो पाकिस्तान की सीमा लखनऊ तक होती. ऐसे नेता पाकिस्तान को लेकर ये सोच रखते हैं. अपने भाषण में खिलवाड़ वाली बातों का ना कहें.
उन्होंने वक्फ संशोधन बिल को मुसलमानों पर सबसे बड़ा हमला कहा था. इस दौरान उन्होंने कहा था, "अगर सब मुसलमान जिन्ना के साथ गए होते तो पाकिस्तान लाहौर तक नहीं लखनऊ तक होता. उन्होंने कहा कि हुकूमत को ये हमारा एहसान मानना चाहिए कि हमने पाकिस्तान को मुख्तसर (छोटा) कर दिया.
उन्होंने आगे कहा, "लोग पाकिस्तान चले गए, उसका इल्ज़ाम हमें दिया गया. हम मानते है जो पाकिस्तान गए उन्होंने अपनी जिंदगियां बना लीं लेकिन हमने तो अपना खून बांटा था. हमने जिन्ना को मना किया था, उन्हें ठुकराया था, लियाकत अली खान को नहीं माना था, हमने गांधी और नेहरू को माना था." वहीं, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव मौलाना उमरैन महफूज रहमानी ने नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू को भी चेतावनी दी थी.