PM Modi Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिवसीय विदेशी दौरे के पहले दिन नाइजीरिया पहुंचे हैं. खास बात ये है कि 17 साल बाद कोई भारतीय प्रधानमंत्री नाइजीरिया पहुंचा है, जहां उनका भव्य स्वागत किया गया.
पीएम मोदी ने कहा. “मेरे और मेरे डेलिगेशन के स्वागत के लिए बहुत बहुत धन्यवाद. मेरे लिए खुशी की बात है कि मेरे तीसरे कार्यकाल की शुरुआत में ही मुझे नाइजीरिया आने का अवसर मिला है. मैं इसके लिए आपका बहुत बहुत आभारी हूं. पिछले महीने नाइजीरिया में बाढ़ में हुई मौतों के लिए संवेदनाएं व्यक्त करता हूं. आपकी सहायता के लिए भारत 30 टन मानवीय सहायता भेज रहा है."
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि नाइजीरिया को ब्रिक्स में पार्टनर देश का दर्जा दिया गया है. इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए नाइजीरिया को बधाई देना चाहता हूं. नाइजीरिया के साथ अपनी साझेदारी को हम उच्च प्राथमिकता देते हैं.
मोदी को मिला नाइजीरिया का राष्ट्रीय सम्मान
पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद, अलगाववाद जैसी चुनौतियों से हम मिलकर काम करते रहे हैं और करते रहेंगे. नाइजीरिया में रहने वाले भारतीयों को संभालने के लिए आपका धन्यवाद. मुझे नाइजीरिया का राष्ट्रीय सम्मान देने के लिए आपका हार्दिक आभार करता हूं. यह 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान है. यह हमारे संबंधों का सम्मान है.
नाइजीरिया के राष्ट्रपति से मुलाकात
नाइजीरिया के राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, “राष्ट्रपति टीनूबू के साथ बहुत ही सार्थक चर्चा हुई. हमने अपनी रणनीतिक साझेदारी को और गति देने के बारे में बात की. रक्षा, ऊर्जा, प्रौद्योगिकी, व्यापार, स्वास्थ्य, शिक्षा और अन्य क्षेत्रों में संबंधों को और भी आगे बढ़ाने की अपार संभावनाएं हैं.”</p
Had a very productive discussion with President Tinubu. We talked about adding momentum to our strategic partnership. There is immense scope for ties to flourish even further in sectors like defence, energy, technology, trade, health, education and more. @officialABAT pic.twitter.com/2i4JuF9CkX
— Narendra Modi (@narendramodi) November 17, 2024
भारतीय कंपनियों को होगा फायदा
भारत और नाइजीरिया, यह दोनों देशों के बीच भले ही आयात निर्यात के आंकड़े बड़े नहीं हैं, लेकिन पीएम मोदी के इस दौरे से ये उम्मीद लगाई जा सकती है कि नाइजीरिया के इंफ्रा डिफेंस, माइनिंग जैसे सेक्टरों में भारतीय कंपनियों के लिए द्वार खुल सकेंगे. इससे भारत को काफी फायदा होगा.