अक्सर हम बतर्नों को सिंक में डालकर भूल जाते हैं, वैसे तो ये आम बात है, लेकिन क्या आपको पता है ये कई गंभीर बीमारियों को न्योता दे सकता है. ‘गंदे बर्तन’ जानलेवा बीमारियों का जोखिम बढ़ाने का काम करते हैं. किचन में लंबे समय तक रखे गंदे बर्तनों पर साल्मोनेला, लिस्टेरिया और ई-कोली बैक्टीरिया पैदा होते हैं, जो बर्तन साफ करने के बाद भी खत्म नहीं होते हैं. इसका परिणाम यह होता है कि जब ऐसे बर्तनों में खाना परोसा जाता है तो वे भोजन के माध्यम से पेट में चले जाते हैं.
इनके नाम सुनने में जितने अजीब लगते हैं, इनका काम उतना ही खतरनाक होता है, जो लोग पहले से बीमार हैं, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है या जो महिलाएं मां बनने वाली हैं, वे इन बैक्टीरिया की चपेट में आ जाती हैं और बीमार पड़ जाती हैं. इसके चलते उन्हें पेट दर्द, उल्टी, डायरिया और अपच जैसी समस्याएं होने लगती हैं. अगर स्थिति गंभीर हो जाए तो इससे गर्भपात और किडनी फेल होने के चांसेस काफी बढ़ जाते हैं. ऐसे में आलस्य छोड़ें और सावधान रहें. किचन, बर्तन और सिंक को साफ रखने में आलस न करें.
इतना ही नहीं लंबे समय तक फ्रिज में रखी चीजें भी आपको बीमारी कर सकती हैं. अधिक नमक और अधिक चीनी भी किडनी को बीमार बना रही है. इससे हाई बीपी से लेकर शुगर तक की समस्या होने लगती है. अगर बीपी हाई है तो किडनी खराब होने की संभावना बढ़ जाती है, अगर खून में ग्लूकोज ज्यादा है तो किडनी के बारीक फिल्टर खराब होने लगते हैं. नतीजा होता है किडनी फेलियर.
हो सकती हैं ये परेशानियां-
किडनी के दो दुश्मन –
कुछ चीजें किडनी की सेहत को बुरी तरह से नुकसान पहुंचाती हैं, इन्हीं में से एक है नमक. जरूरत से ज्यादा नमक के सेवन से शरीर में सोडियम संतुलन बिगड़ सकता है और यह अंततः किडनी के कार्य को प्रभावित करता है. इसके साथ ही चीनी चीनी भी किडनी के लिए खतरनाक साबित होती है. जरूरत से ज्यादा चीनी किडनी के लिए जहर की तरह काम करती है, रक्त में हाई ग्लूकोज के कारण किडनी के फिल्टर खराब हो जाते हैं और इससे किडनी फेल होने का खतरा बढ़ जाता है.
किडनी की समस्या होने पर दिखते हैं ये लक्षण-
वजन बढ़ने पर अधिक होती है किडनी फेल होने की संभावना-
अपने वजन पर नियंत्रण रखें, अगर आपका वजन बढ़ता है तो किडनी फेल होने की संभावना 7 गुना अधिक होती है. तनाव भी हाई बीपी का कारण बनता है और इसका असर किडनी पर पड़ता है. चिंता के रोगियों में किडनी की बीमारी अधिक आम है. शुगर के स्तर को भी नियंत्रित करने की आवश्यकता है क्योंकि 70% शुगर रोगियों को किडनी की बीमारी होती है.
किडनी की समस्या से कैसे बचें?