ढाका। बांग्लादेश के पूर्व अटॉर्नी जनरल और अंतरिम सरकार के नागरिक उड्डयन और पर्यटन सलाहकार एएफ हसन आरिफ का 83 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्होंने कल दोपहर बाद राजधानी ढाका के लैबैड अस्पताल में अंतिम सांस ली। उनके बेटे मोअज आरिफ ने इसकी पुष्टि की। बीडीन्यूज24डॉटकॉम के अनुसार, हसन आरिफ को दोपहर करीब तीन बजे अस्पताल ले जाया गया था। वह खाना खाते समय गिर गए थे। परीक्षण के के बाद उन्हें अपराह्न 3:35 बजे मृत घोषित कर दिया। अस्पताल के जनसंपर्क अधिकारी चौधरी मेहर-ए-खोदा ने कहा, उन्हें कार्डियक अरेस्ट हुआ था। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील एएफ हसन आरिफ का जन्म 1941 में कोलकाता में हुआ था। उन्होंने अपनी माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा कोलकाता के सेंट जेवियर्स कॉलेज से पूरी की। इसके बाद उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री और एलएलबी की उपाधि प्राप्त की। 1967 में कलकत्ता हाई कोर्ट में एक वकील के रूप में नामांकन कराने के बाद वह पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) चले गए। उन्होंने 1970 में ढाका हाई कोर्ट में प्रैक्टिस शुरू की।
हसन आरिफ सैन्य तानाशाह एचएम इरशाद के शासन के समय अप्रैल 1982 से अगस्त 1985 तक सहायक अटॉर्नी जनरल के रूप में और अगस्त 1985 से मार्च 1996 तक डिप्टी अटॉर्नी जनरल के रूप में कार्य किया। बाद में उन्होंने अक्टूबर से बीएनपी-जमात-ए-इस्लामी गठबंधन सरकार के दौरान अटॉर्नी जनरल के रूप में कार्य किया। जनवरी 2008 से जनवरी 2009 तक उन्होंने फखरुद्दीन अहमद के नेतृत्व वाली कार्यवाहक सरकार के कानूनी सलाहकार के रूप में कार्य किया। पूर्व अटॉर्नी जनरल ने कई मामलों में मोहम्मद यूनुस का प्रतिनिधित्व किया। नागरिक उड्डयन और पर्यटन मंत्रालय के प्रवक्ता महबुबुर रहमान तुहिन ने बताया कि आज सुबह 11 बजे हाई कोर्ट परिसर में अंतिम संस्कार प्रार्थना की गई। उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा, इसकी घोषणा बाद में की जाएगी।