अगर लोन लेने वाले व्यक्ति की लोन रीपेमेंट से पहले ही मृत्यु हो जाएं, तो बैंक द्वारा ऐसे वसूला जाता है लोन
et December 21, 2024 10:42 PM
बैंक से लोन व्यक्ति ऐसी स्थिति में लेता है, जब उसको एकदम में ज्यादा पैसों को जरूरत पड़ जाएं. लोन भी कई तरह के होते हैं जैसे पर्सनल लोन, होम लोन, व्हीकल लोन या एजुकेशन लोन. आप अपनी जरूरत के हिसाब से बैंक से कोई भी लोन ले सकते हैं और हर महीने ईएमआई भरकर इस लोन की रीपेमेंट कर सकते हैं लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि अगर किसी भी कारण से लोन लेने वाले व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो बैंक लोन कहां से वसूलता है. आज हम आपको इसी बारे में बताएंगे. आइए जानते हैं. ऐसे वसूलते हैं बैंक लोनअगर किसी स्थिति में लोन लेने वाले व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो बैंक सबसे पहले co-borrower यानी सह-उधारकर्ता से संपर्क करता है. सह-उधारकर्ता ना होने की स्थिति में बैंक लोन गारंटर या कानूनी उत्तराधिकारी से संपर्क करता है. इसके अलावा अगर व्यक्ति ने लोन का इंश्योरेंस कराया है, तो इंश्योरेंस कंपनी को बैंक का लोन भरना होगा. इन सभी से अगर काम नहीं चलता है, तो बैंक के पास संपत्ति की नीलामी करने का भी अधिकार होता है. पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड लोन की स्थिति में क्या होगा?पर्सनल या क्रेडिट कार्ड लोन के मामले में अगर कोई व्यक्ति लोन की रीपेमेंट करने से पहले ही मर जाता है, तो ऐसी स्थिति में बैंक बकाया राशि के लिए कानूनी उत्तराधिकारी या परिवार के सदस्यों पर दबाव नहीं बना सकता है. बैंक सह-उधारकर्ता मौजूद होने पर उससे वसूली कर सकता है. सह-उधारकर्ता मौजूद ना होने पर या और कोई दूसरा विकल्प ना होने पर बैंक इस लोन को गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (NPA) में डाल देता है.
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