5 रुपए से कम भाव वाले पेनी स्टॉक वाली कंपनी ग्रोथ बढ़ाने के लिए फंड जुटा रही है, FII ने भी खरीदे हैं शेयर
पॉलिमर, केमिकल स्टॉक Vikas Lifecare Ltd में फंड राइज़िंग की कोशिश हो रही हैं. कंपनी अपने ग्रोथ प्लान के लिए फंड जुटाना चाहती है. शुक्रवार को विकस लाइफकेयर के शेयर 4.41 रुपए के लेवल पर बंद हुए. कंपनी का मार्केट कैप 745.57 करोड़ रुपए है. विकास लाइफकेयर लिमिटेड के शेयरों में शुक्रवार को 1.81 प्रतिशत की तेजी आई और यह 4.51 रुपये के इंट्राडे हाई पर पहुंच गया, जबकि पिछले बंद भाव 4.43 रुपये था. इस स्टॉक का 52-सप्ताह का उच्चतम स्तर 7.92 रुपये है, जबकि इसका 52-सप्ताह का न्यूनतम स्तर 4.05 रुपये है.विकास लाइफकेयर लिमिटेड (वीएलएल) ने घोषणा की है कि उसके निदेशक मंडल ने विकास के अवसरों को वित्तपोषित करने के लिए क्यूआईपी, एफसीसीबी, एफपीओ और राइट्स इश्यू सहित विभिन्न तरीकों से 200 करोड़ रुपये तक के फंड जुटाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इस फंड रेज़िंग को एडजस्ट करने के लिए कंपनी अपनी अधिकृत शेयर पूंजी को 200 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 235 करोड़ रुपये करेगी और अपने एसोसिएशन के MoU में संशोधन करेगी. इसके अतिरिक्त बोर्ड ने आवश्यक प्रस्तावों के लिए सदस्यों की स्वीकृति प्राप्त करने के लिए डाक मतपत्रों के उपयोग को अधिकृत किया है.इससे पहले कंपनी ने पर्यावरण के अनुकूल पैकेजिंग के लिए अभूतपूर्व बायोडिग्रेडेबल ग्रैन्यूल टेक्निक का कमर्शिलाइज़ करने के लिए DRDO के साथ भागीदारी की थी. विकास लाइफकेयर लिमिटेड (VLL) की पॉलिमर और रबर कम्पाउंड, स्पेशियलिटी एडिटिव्स और स्मार्ट गैस मीटरिंग सॉल्यूशन में मजबूत पकड़ है. कंपनी पर्यावरणीय स्थिरता, अपशिष्ट पदार्थों को मूल्यवान उत्पादों में बदलने और EPR दायित्वों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है. VLL की सहायक कंपनी, जेनेसिस गैस सॉल्यूशंस, स्मार्ट गैस मीटरिंग में अग्रणी है, जो भारत में महत्वपूर्ण बाजार हिस्सेदारी रखती है. कंपनी के तिमाही नतीजों के मुताबिक वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में नेट सेलिंग 46.5 फीसदी बढ़कर 134.88 करोड़ रुपये हो गई, जबकि वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में नेट सेलिंग 92.09 करोड़ रुपये थी. कंपनी ने वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में 2.15 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट दर्ज किया, जबकि वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में शुद्ध घाटा 2.91 करोड़ रुपये था, यानी 174 फीसदी की बढ़ोतरी हुई. अपने वार्षिक नतीजों में बताया कि वित्त वर्ष 2024 में नेट सेलिंग 6.4 फीसदी घटकर 445.75 करोड़ रुपये रह गई, जबकि वित्त वर्ष 2023 में शुद्ध बिक्री 476.05 करोड़ रुपये थी. कंपनी ने वित्त वर्ष 2024 में 13.95 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट दर्ज किया, जबकि वित्त वर्ष 2023 में शुद्ध घाटा 15.55 करोड़ रुपये था, यानी 190 फीसदी की बढ़ोतरी हुई.सितंबर 2024 में एफआईआई ने 41,25,030 शेयर खरीदे और अपनी हिस्सेदारी जून 2024 के 0.28 फीसदी से बढ़ाकर 0.50 फीसदी कर दी.