कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पीएल पुनिया ने मंगलवार को आईएएनएस से खास बातचीत की। इस दौरान उन्होंने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल उठाए हैं। दावा किया कि चुनाव आयोग ने अपनी पारदर्शिता और निष्पक्षता को पूरी तरह खो दिया है और यह लोकतंत्र के लिए शर्मनाक है।
कांग्रेस नेता पीएल पुनिया ने कहा कि चुनाव आयोग अब अपनी निष्पक्षता खो चुका है। जब से केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार आई है, तब से भाजपा और आरएसएस ने लगातार संवैधानिक संस्थाओं पर कब्जा किया है। यह बेहद खेदजनक और शर्म की बात है कि अब इन संस्थाओं में निष्पक्षता की कोई जगह नहीं बची है।
उन्होंने कहा कि अंबेडकर और संविधान निर्माताओं ने यह धारणा बनाई थी कि सभी संवैधानिक संस्थाएं, जिनमें चुनाव आयोग भी शामिल है, हर हाल में निष्पक्ष होंगी और उन्हें निष्पक्षता के दृष्टिकोण से देखा जाएगा। लोग विश्वास करेंगे कि यहां न्याय होगा, लेकिन आज यह निष्पक्षता पूरी तरह से गायब हो चुकी है और यह बहुत ही शर्म की बात है। यह निष्पक्षता पूरी तरह से समाप्त हो चुकी है।
इसके अलावा, उन्होंने भाजपा के उस आरोपों का भी जवाब दिया, जिसमें पार्टी ने राहुल गांधी पर झूठ बोलने का आरोप लगाया था और माफी मांगने की मांग की थी। पुनिया ने इसे भाजपा की एक साजिश बताया और कहा कि भाजपा झूठ बोल रही है और लोगों को बरगला रही है। अमित शाह का बयान सार्वजनिक डोमेन में था, जिसे छुपाया नहीं जा सकता।
अब भाजपा इस मुद्दे को भटकाने के लिए तरह-तरह के बयान दे रही है ताकि लोगों का ध्यान इससे हट सके। उन्होंने आगे कहा कि अमित शाह ने अंबेडकर के खिलाफ घोर अपमानजनक बयान दिया है। अमित शाह को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए और उन्हें सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए। यह मामला लोकतंत्र और संविधान की मर्यादा का है।