इस्लामाबाद। क्या पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान को समझ आ गया है कि वो पीएम शहबाज शरीफ से अदावत लेकर जेल से बाहर नहीं आ सकते? क्या इमरान खान अब शहबाज शरीफ से समझौता कर जेल से बाहर आने का जतन कर रहे हैं? इन दोनों सवालों का जवाब ‘हां’ में लग रहा है। इसकी वजह ये है कि इमरान खान ने शहबाज शरीफ की ओर से बातचीत के लिए गठित 3 सदस्यीय कमेटी से अपनी पार्टी पीटीआई की कमेटी की बातचीत आगे बढ़ाने को रजामंद हो गए हैं। इमरान खान ने पीटीआई के सहयोगी दल सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल के अध्यक्ष साहिबजादा मोहम्मद हामिद रजा को अपनी तरफ से बनाई गई कमेटी का प्रवक्ता भी घोषित कर दिया है। इमरान खान ने उम्मीद जताई है कि शहबाज शरीफ की बनाई कमेटी से बातचीत सार्थक रहेगी। इमरान खान ने ये भी कहा कि अगर पाकिस्तान सरकार उनकी मांगें मान लेती हैं, तो सविनय अवज्ञा आंदोलन भी स्थगित कर देंगे। बता दें कि शहबाज शरीफ सरकार और इमरान खान की पार्टी में एक दौर की बातचीत पहले हो चुकी है। इस बातचीत में इमरान खान को जेल से रिहा करने पर चर्चा हुई थी।
अदियाला जेल में बंद इमरान खान ने मंगलवार को अपने वकीलों से मुलाकात की थी। जिसके बाद उन्होंने साहिबजादा मोहम्मद हामिद रजा को बातचीत के लिए गठित कमेटी का प्रवक्ता बना दिया। पाकिस्तान के पूर्व पीएम ने एक्स पर लिखा कि बातचीत सार्थक हो, इसलिए जरूरी है कि मैं टीम से मुलाकात कर मुद्दों को समझ सकूं। इमरान खान ने लिखा कि दो मांगें हैं। पहली विचाराधीन राजनीतिक कैदियों को रिहा किया जाए। दूसरी मांग है कि 9 मई और 26 नवंबर को हुई हिंसा की जांच के लिए वरिष्ठ जजों के न्यायिक आयोग का गठन हो। उन्होंने ये भी हालांकि लिखा कि डर है कि सरकार न्यायिक आयोग की मांग को ठुकरा देगी और ऐसा हम नहीं होने देंगे। इमरान खान ने पाकिस्तान की सैन्य अदालतों को गैर संवैधानिक बताते हुए कहा कि 25 लोगों को सुनाई सजा वो खारिज कर रहे हैं। इमरान खान ने लिखा कि ये फैसले पाकिस्तान की प्रतिष्ठा को धूमिल कर रहे हैं और सांविधानिक पीठ के चेहरे पर तमाचा हैं।
इमरान खान ने आगे कहा कि कोर्ट ने भी मान लिया है कि पाकिस्तान में राजनीतिक इंजीनियरिंग के तहत पीटीआई को कुचला जा रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसी कोशिशों से लोकतंत्र, कानून के शासन और कानूनी आजादी को बहुत नुकसान हुआ है। इमरान खान का कहना है कि कानून के शासन के बगैर निवेश नहीं हो सकता। पाकिस्तान में कोर्ट के आजाद न होने के कारण लोग अपनी पूंजी बाहर ले जा रहे हैं। कानून के प्रति भी पाकिस्तान में सम्मान न होने की बात इमरान खान ने कही। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के संविधान में 26वां संशोधन करने के बाद कोर्ट के हाथ बंध गए हैं।
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