Year Ender 2024: वर्ष 2024 में हिंदू सनातन धर्म वैश्विक पटल पर कई तरह से चर्चा में बना रहा। चाहे सनातन धर्म पर विवादित बयान हो या धर्म से संबंधित कोई इवेंट हो वर्ष 2024 में हिंदू सनातन धर्म ने सभी को आकर्षित किया। दुनियाभर में ईसाई और मुस्लिम कट्टरता के साथ ही अब हिंदू धर्म में भी कट्टरता बढ़ी है। हालांकि यह अच्छी बात है कि इस सब के बावजूद राष्ट्र में पंथ निरपेक्षता को भी बढ़ावा मिला है। ALSO READ:
सनातन धर्म पर विवादित बयान:-
1. दक्षिण भारत से हिंदुत्व को लेकर कई बार विवादित बयान दिए गए। यह सिलसिला 2023 में डीएमके नेता उदयनिधि मारन के बयान से शुरू हुआ था। जिन्होंने सनातन को एक बीमारी बताया था। सितंबर में उन्होंने सनातन धर्म को कई 'सामाजिक बुराइयों के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए इसे समाज से खत्म करने की बात कही थी। उन्होने कहा था कि 'जिस तरह हम मच्छर,डेंगू, मलेरिया और कोरोना को खत्म करते हैं उसी तरह सिर्फ सनातन धर्म का विरोध करना ही काफी नहीं है। इसे समाज से पूरी तरह खत्म कर देना चाहिए।' सनातन धर्म पर विवादित बयान देने के बाद वर्ष 2024 में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे और उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने खुद को ‘प्राउड क्रिश्चियन’ बताया है और कहा कि मैं ‘मैं कलैगनार का पोता हूं, माफी नहीं मांगूगा’।
2. इसके बाद उन्हीं के बयानों को कई लोगों ने आगे बढ़ाया। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती का हालिया बयान सुर्खियों में है। उन्होंने 7 नवंबर को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो पोस्ट कर 'हिंदुत्व' को एक "बीमारी" बताया।
3. द्रमुक प्रवक्ता डॉ. हफीजुल्ला ने पवन कल्याण, चंद्रबाबू नायडू और टीडीपी को हिंदू धर्म और मानवता का असली दुश्मन बताया।
4. समाजवादी पार्टी ने नेता और विधायक स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी हिंदू धर्म पर विवादित बयान देकर सुर्खियां बटोरी। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म कोई धर्म नहीं बल्कि एक धोखा है। उन्होंने कहा कि ब्राह्मणवाद की जड़े बहुत गहरी है और सारी विषमता का कारण ही ब्राह्मणवाद है।
इन मंदिरों के कारण चर्चा में रहा सनातन हिंदू धर्म:
1. वर्ष की शुरुआत में अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन ने पूरे विश्व का ध्यान अपनी ओर खींचा। अयोध्या में 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस मंदिर का उद्घाटन और प्राण-प्रतिष्ठा समारोह हुआ था और यही कारण था कि रामलला का ये मंदिर वर्ष 2024 में सबसे अधिक चर्चा का विषय रहा।ALSO READ:
2. साल 2024 में हिन्दू मंदिरों की चर्चा की इस कड़ी में अबू धाबी का मंदिर भी खूब चर्चा में रहा। अबू धाबी में बने पहले हिन्दू मंदिर को इस वर्ष काफी सराहा गया। इस मंदिर के लिए जमीन यूएई के शासक शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने तोहफे में दी है। जो कि हाइवे से सटी ये जगह अबू धाबी से लगभग 30 मिनट की दूरी पर है। एक मुस्लिम राष्ट्र में सनातन धर्म का मंदिर बनना पाकिस्तान सहित सभी मुस्लिम देशों के लिए आश्चर्य का विषय था।
3. बांग्लादेश में इस्कॉन के मंदिर पर कट्टरपंथी मुस्लिमों द्वारा किए गए हमले की खबर ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा। इस्कॉन द्वारा आठ सूत्री मांग के लिए आम हिंदुओं के साथ एकजुटता व्यक्त करने के बाद बांग्लादेश के इस्लामी संगठनों ने इस्कॉन पर देशव्यापी प्रतिबंध लगाने की मांग की और इस्कॉन के संचालकों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया। बांग्लादेश की सरकार पर चिन्मय कृष्ण दास और गौरांग दास के साथ प्रताड़ना का आरोप लगा।
4. कनाडा में भी खालिस्तानी कट्टरपंथ के चलते कनाडा के ब्रैम्पटन के हिंदू सभा मंदिर में आतंकवादियों ने तोड़फोड़ की। खालिस्तानियों के विरोध प्रदर्शन में कुछ लोग घायल भी हुए। यह पहला वाकया नहीं है जब खालिस्तानियों ने कनाडा में हिंदुओं और उनके मंदिरों को निशाना बनाया हो। इससे पहले जुलाई में कनाडा के अल्बर्टा प्रोविंस में एक हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ की गई थी और उसकी दीवारों पर हिंदू विरोधी नारे और चित्र उकेरे गए थे। 23 जुलाई, 2024 की सुबह एडमॉन्टन में बीएपीएस श्री स्वामीनारायण मंदिर का बाहरी हिस्सा कलर स्प्रे से हिंदू विरोधी चित्रों और नारों से रंगा हुआ पाया गया था।
5. संभल में जामा मस्जिद पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को लेकर विवाद हुआ। हिंदू संगठनों का दावा है कि यह पहे हरिहर मंदिर था। अदालत द्वारा सर्वे की अनुमति देने के बाद 24 नवंबर को संभल में मुस्लिमों द्वारा हिंसक उपद्रव किया गया। पिछले कुछ समय से कृष्ण जन्मभूमि, ज्ञानवापी काशी विश्वनाथ सहित कई ऐतिहासिक मंदिरों, इमारतों, खासकर मस्जिदों और दरगाहों को लेकर याचिकाएं अदालतों में गईं जहां अदालतों ने उन्हें स्वीकार करते हुए उनके सर्वेक्षण के आदेश दिए। इसके चलते पूरा वर्ष हिंदू और मुस्लिम विवाद से सुर्खियों में बना रहा।
विदेशों में सनातन धर्म के प्रति बढ़ रहा आकर्षण:
1. विदेशों में भी हिंदू धर्म की आबादी तेजी से बढ़ रही है, अफ्रीका के एक देश में हिंदू धर्म तेजी से बढ़ रहा। घाना में सबसे बड़ी धार्मिक आबादी ईसाई और मुस्लिम हैं लेकिन आप्रवासियों और नव परिवर्तित घाना वासियों की संख्या में वृद्धि के कारण हिंदू आबादी बढ़ रही है। स्वामी घनानंद सरस्वती के नेतृत्व में घाना हिंदू मठ, घाना में सक्रिय रूप से हिंदू धर्म का प्रचार कर रहा है।
2. रशिया और यूक्रेन में भी तेजी से हिंदू मंदिरों की संख्या बढ़ती जा रही है। दोनों देशों में इस्कॉन के अनुयायियों की संख्या बढ़ती जा रही है। रूस में भारतीय राष्ट्रीय सांस्कृतिक केंद्र 'सीता' (SITA) के अध्यक्ष सैमी कोटवानी ने राजधानी मॉस्को में पहला हिंदू मंदिर बनाने की मंशा जाहिर की है। आने वाले समय में मास्को में भव्य मंदिर होगा। रूस की राजधानी मॉस्को में हिंदू भवन और सामुदायिक केंद्र समेत कई आध्यात्मिक स्थल हैं। अमेरिका, यूक्रेन और रशिया के लोग तेजी से हिंदू धर्म अपनाते जा रही हैं। यह तेजी 2024 सोशल मीडिया के माध्यम से ज्यादा देखने को मिली।
सोशल मीडिया पर छाया हिंदू धर्म:
वर्तमान में हिंदू धर्म से संबंधित यूट्यूब, फेसबुक, एक्स, व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम पर हजारों चैनल हैं जो हिंदू धर्म से संबंधित ज्ञान को प्रचारित और प्रसारित कर रहे हैं। वर्ष 2024 में इस तरह के चैनलों की संख्या कई गुना हो चली है। हिंदू धर्म के ज्ञान पर हजारों पॉडकास्ट आपको सुनने को मिल जाएंगे जो इसी वर्ष अपलोड किए गए हैं।
संतों और कथावाचकों के कारण चर्चा में रहा हिंदू धर्म:
देश और दुनिया के ऐसे कई संत हैं जिनके कारण वर्ष 2024 हिंदू धर्म संपूर्ण विश्व में वैश्विक चर्चा का विषय बन गया है। इनमें से प्रमुख नाम है- श्री श्री रविशंकर, जग्गी वासुदेव, पंडित धीरेंद्र शास्त्री, स्वामी रामभद्राचार्य, गौर गोपाल दास, गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज आदि के कारण सनातन धर्म का देश और विदेश में खूब प्रचार प्रसार हुआ।
मुख्य पॉइंट 2024:
राजनीतिक विवाद:
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के बेटे और राज्य सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की आलोचना करते हुए इसे समाज से समाप्त करने की बात कही। उन्होंने इसे जाति और धर्म के नाम पर विभाजनकारी विचार बताया। इस बयान पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने कड़ी प्रतिक्रिया दी, जिससे राष्ट्रीय स्तर पर बहस छिड़ गई।
धर्म संसद का आयोजन:
प्रसिद्ध कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने सनातन धर्म की रक्षा के लिए 16 नवंबर 2024 को दिल्ली में धर्म संसद का आयोजन किया। उन्होंने 'सनातन बोर्ड' के गठन की मांग की, ताकि सनातन धर्म के अनुयायियों के हितों की रक्षा की जा सके। उन्होंने वक्फ बोर्ड पर देश में जमीनों पर कब्जा करने का आरोप लगाते हुए सनातन धर्म की संपत्तियों की सुरक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया।
प्रधानमंत्री की प्रतिक्रिया:
डीएमके नेताओं द्वारा सनातन धर्म पर की गई टिप्पणियों के संदर्भ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर सवाल उठाया कि वह ऐसे लोगों के साथ क्यों खड़ी है जो सनातन धर्म के खिलाफ जहर उगलते हैं। उन्होंने कांग्रेस की चुप्पी पर भी सवाल उठाया, जिससे राजनीतिक माहौल गर्माया। राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा: जनवरी 2024 में अयोध्या के राम मंदिर में रामलला के बाल स्वरूप की प्राण प्रतिष्ठा की गई, जो सनातन धर्म के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण घटना थी। इस अवसर पर पुजारियों और धार्मिक नेताओं की भूमिका चर्चा में रही।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले:
बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर हमलों की संख्या में वृद्धि हुई है। 2024 में अब तक 2200 से अधिक हमले दर्ज किए गए हैं, जो पाकिस्तान में इसी अवधि के दौरान हुए 112 हमलों की तुलना में कहीं अधिक हैं।
धार्मिक समारोहों में बाधा:
देशभर में हिंदू त्योहार गणेश उतस्व और रामनवमी के जुलूस पर पत्थरों से हुए हमलों पर राजनीति गर्म रही। इसका कई हिंदू संगठनों ने विरोध।