रतन टाटा (Ratan Tata) विश्व प्रसिद्ध उद्योगपति रतन टाटा (जन्म 28 दिसंबर 1937) का जन्मदिन है। रतन टाटा ने इंडस्ट्री में सफलता की ऐसी कहानी लिखी है जिसे देश-दुनिया याद रखेगी। उनके कई फैसलों ने टाटा ग्रुप को नई दिशा दी। उन्होंने कुछ असंभव दिखने वाली चीजों को संभव बना दिया। आज हम रतन टाटा के जन्मदिन पर उनके लिए कुछ महत्वपूर्ण फैसलों पर चर्चा करते हैं, जो बाद में बेहतरीन साबित हुए।
1998 में पहली यात्री कार टाटा इंडिका लॉन्च हुईरतन टाटा ने 1998 में टाटा समूह की पहली यात्री कार टाटा इंडिका लॉन्च की। ये 100 फीसदी देसी कार थी. यह कार देश में जबरदस्त लोकप्रिय हुई। इसने बिक्री के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। दो साल के अंदर ही यह कार अपने सेगमेंट की नंबर-1 कार बन गई।
दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी चाय कंपनी खरीदीरतन टाटा के नेतृत्व में, टाटा समूह ने 2000 में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी चाय विनिर्माण और वितरण कंपनी, टेटली समूह का अधिग्रहण किया। टेटली कंपनी एक ब्रिटिश कंपनी थी। टाटा ग्रुप की कंपनी टाटा ग्लोबल बेवरेजेज इस सेगमेंट में डील करती है।
पीएसयू में नियंत्रण हिस्सेदारी खरीदी2002 में, टाटा समूह ने विदेश संचार निगम लिमिटेड में नियंत्रण हिस्सेदारी हासिल कर ली। वीएसएनएल की स्थापना 1986 में हुई थी और यह न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होने वाला पहला भारतीय पीएसयू था।
जब टीसीएस ने किया कमाल2003 में, टीसीएस भारत की पहली सॉफ्टवेयर कंपनी थी जिसने राजस्व में $1 बिलियन का आंकड़ा पार किया था। एक साल बाद, कंपनी सार्वजनिक हो गई।
टाटा मोटर्स न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध है2004 में टाटा समूह की ऑटोमोबाइल कंपनी टाटा मोटर्स को न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध किया गया था। इसके अलावा इसी साल टाटा ग्रुप ने देवू मोटर्स की भारी वाहन इकाई का अधिग्रहण किया।
यूरोप की दूसरी सबसे बड़ी स्टील कंपनी खरीदीरतन टाटा के नेतृत्व में टाटा समूह की स्टील कंपनी TATA STEEL ने यूरोप की दूसरी सबसे बड़ी एंग्लो-डच स्टील कंपनी कोरस का अधिग्रहण किया।