अनूपपुर। जिले में शनिवार को मौसम की पहली मावठे के रूप में बारिश की बौछार आसमान से बरसी। यह बारिश जिले के अनूपपुर जिला मुख्यालय सहित जैतहरी, कोतमा, भालूमाड़ा, बिजुरी, अमरकंटक, राजेन्द्रग्राम सहित ग्रामीण अंचलों में दोपहर से लेकर शाम तक रह-रहकर बरसती रही। इससे तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। तापमान के गिरने से मौसम में ठंड का प्रकोप भी अधिक बढ़ गया है। वहीं मौसम विभाग ने आगामी दो दिनों तक कोई भी बदलाव से इंकार किया है। जबकि देश के उत्तरी हिस्से में जोरदार बर्फवारी और वर्षा के बाद यह संभावना अधिक बढ़ गई है और अब कड़ाके की सर्दी के साथ पाले का भी प्रकोप बढ़ेगा। शनिवार को दिन का न्यूनतम तापमान 15 डिग्री तो अधिकतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया है।
पश्चिमी विक्षोम के चलते उत्तर पश्चिमी हवाएं अरेबियन सी से अपने साथ नमी लेकर आ रही हैं. वहीं बंगाल की खाड़ी से आ रही हवाएं इस नमी को और बल दे रही हैं, जिससे कई शहरों में तेज व मध्यम बारिश और ओले गिरने की भी संभावना बनी हुई हैं। कृषि विभाग की जानकारी के अनुसार वर्तमान में खेतों में गेहूं, चना, मटर, अरहर, मसूर, अलसी सहित अन्य फसलें लगी हुई है।
शनिवार को हुई बारिश से रबी की फसल को काफी लाभ होने से किसान खुश हैं। अगर यह बारिश अधिक होती है तो संभव है कि दलहनी फसलों को आंशिक नुकसान होगा। जबकि गेहूं की फसल के लिए फायदा होगा। वहीं विभाग का मानना है कि दिसम्बर माह के शुरूआती दिनों में सर्द बर्फीली हवाओं के कारण पुष्पराजगढ़ विकासखंड के कुछ ग्रामीण अंचलों में पाले का प्रकोप पड़ा था, जिसमें अरहर की फसल को नुकसान भी हुए हैं। लेकिन अब यह संभावनाएं फिलहाल नहीं दिख रही है।
अमरकंटक में झमाझम बारिश से क्षेत्र में मौसम हुआ ठंडा ।
मां नर्मदा की उद्गम स्थली / पवित्र नगरी अमरकंटक में शनिवार को बारिश का मौसम बना और घंटों झमाझम तेज बारिश होती रही। बारिश की वजह से मौसम में ठंडक घुल गई हैं। पर्यटक एवं तीर्थ यात्री श्रद्धालुगण सुबह से ही पावन सलिला मां रेवा नर्मदा में सहित प्रमुख स्थान रामघाट ,पुष्कर बांध , आरंडी संगम तट में पुण्य डुबकी लगाई। अमरकंटक का पारा लुढ़क कर नीचे आ गया है। ठंडी हवाएं से शीत लहर हैं। तीर्थयात्री आग तापने के लिए तथा गरमा गरम चाय हेतु होटलों, छोटी दुकानों की शरण लेते नजर आ रहे है । ज्ञात हो कि 25 दिसंबर के पूर्व से अमरकंटक में भारी भीड़ चल रही है। यह सिलसिला जनवरी के मकर संक्रांति तक बनी रहेंगी।