IAS Officer की नौकरी भारत में सबसे प्रतिष्ठित मानी जाती है, लेकिन इसे खत्म करने का अधिकार केवल राष्ट्रपति के पास है। प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री भी किसी IAS को नौकरी से नहीं निकाल सकते। आइए जानते हैं कि IAS की नौकरी छीनने के लिए क्या नियम और प्रक्रिया है।
IAS अधिकारी की नौकरी खत्म करने का अधिकार किसके पास है?भारतीय संविधान के अनुच्छेद 311 के तहत IAS, IRS या IFS जैसे ऑल इंडिया सर्विस के अधिकारियों की नौकरी खत्म करने का अधिकार केवल राष्ट्रपति के पास है। प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री जैसे बड़े पदों पर बैठे अधिकारी भी इस मामले में निर्णय लेने का अधिकार नहीं रखते।
हालांकि, राज्य सरकार के पास IAS अधिकारियों को निलंबित (Suspend) करने का अधिकार होता है, लेकिन यह निलंबन तभी लागू हो सकता है जब कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) की मंजूरी हो।
अनुच्छेद 311: IAS की नौकरी से जुड़े प्रावधानअनुच्छेद 311 के तहत IAS अधिकारी की नौकरी खत्म करने के लिए इन नियमों का पालन किया जाता है:
राज्य सरकार के पास IAS अधिकारी को सस्पेंड करने का अधिकार होता है, लेकिन इसके लिए नियम काफी सख्त हैं:
IAS अधिकारियों की नौकरी खत्म करने का अधिकार प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या यूपीएससी के पास नहीं है। यह प्रावधान संविधान के तहत इसलिए बनाया गया है ताकि अधिकारी निष्पक्षता से अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सकें और राजनीतिक दबाव से बच सकें।
IAS अधिकारी की नौकरी कब खत्म हो सकती है?IAS अधिकारी की नौकरी तभी खत्म हो सकती है जब:
अगर किसी IAS अधिकारी को निलंबित किया जाता है, तो प्रक्रिया इस प्रकार होती है:
IAS अधिकारियों को संविधान के तहत मजबूत सुरक्षा प्रदान की गई है ताकि वे स्वतंत्र होकर अपने फैसले ले सकें। उनकी नौकरी छीनने या निलंबित करने की प्रक्रिया कठिन और पारदर्शी होती है।