भोपाल, 28 दिसंबर . उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ वकील संजय श्रीवास्तव ने शनिवार को मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह को कानूनी नोटिस भेजा गया है. जिसमें उनसे माफी मांगने और 10 करोड़ रुपये मानहानि पर मुआवजे के तौर पर देने को कहा है. एक महीने के भीतर ऐसा नहीं करने पर दिग्विजय सिंह के खिलाफ आपराधिक और दीवानी मुकदमा कोर्ट में दर्ज कराया जाएगा.
दिग्विजय सिंह को यह नोटिस उनकी तरफ से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखे गए पत्र के मामले में दिया गया है. इसमें कहा गया है कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अपने बयानों और प्रधानमंत्री को लिखे पत्र के जरिए उनके मुवक्किल गोविंद सिंह राजपूत पर व्यक्तिगत और पेशेवर प्रतिष्ठा पर हमला किया है. बता दें कि गोविन्द सिंह राजपूत मप्र के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री हैं.
ए़डवोकेट संजय श्रीवास्तव ने नोटिस में लिखा है कि मेरा पेशेवर संबंध गोविंद सिंह राजपूत से है, जो वर्तमान में मध्य प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं. इसके बावजूद आपने मुझे अन्य सार्वजनिक सेवकों और व्यक्तियों से जोड़ा है, जिनका मेरे पेशे से कोई संबंध नहीं है. आपके आरोपों के कारण मेरी पेशेवर छवि को गंभीर क्षति पहुंची है. उन्होंने कहा है कि दिग्विजय का यह काम भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023 की धारा 354 और 356 के अंतर्गत मानहानि के दायरे में आता है. इसके अतिरिक्त उन्होंने अपनी राजनीति का दुरुपयोग करके गलत जानकारी फैलाने और समाज में अस्थिरता उत्पन्न करने का प्रयास किया है.
एडवोकेट श्रीवास्तव ने दिग्विजय सिंह से तत्काल स्पष्टीकरण की मांग की है. उन्होंने कहा है कि दिग्विजय सिंह सभी मंचों पर उनके खिलाफ दिए गए सभी मानहानिकारक बयानों को वापस लें और सार्वजनिक रूप से माफी मांगें. साथ ही उनकी छवि धूमिल करने और पेशे को नुकसान पहुंचाने के लिए 10 करोड़ रुपये का मुआवजा दें. उन्होंने कहा है कि 30 दिनों के अंदर माफी नहीं मांगने और मुआवजा न देने पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023 की धारा 354 और 356 के तहत आपराधिक शिकायत दर्ज कराएंगे. साथ ही 10 करोड़ रुपये के मुआवजे के लिए दीवानी मुकदमा दायर करेंगे और दिग्विजय सिंह के आचरण की जांच के लिए राज्यसभा की आचार समिति में औपचारिक शिकायत दर्ज कराएंगे.
गौरतलब है कि दिग्विजय सिंह ने भोपाल में परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के पास आयकर छापे में मिली करोड़ों की संपत्ति को लेकर गत 24 दिसंबर को प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा था. इसमें उन्होंने मांग की थी कि इस केस से लोकायुक्त को हटाया जाए और केस की जांच ईडी और आयकर विभाग को सौंपी जानी चाहिए. दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाए कि पता लगाना चाहिए कि पैसा किसका है? कहां से आया और कहां गया. उन्होंने पूरी जांच मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस की निगरानी में करने की बात कही है. उन्होंने कहा था कि प्रदेश के इतिहास में इतना बड़ा भ्रष्टाचार कभी देखने को नहीं मिला. जंगल में खड़ी कार से 52 किलो सोना, 200 किलो चांदी की सिल्लियां मिली हैं. सौरभ शर्मा, संजय श्रीवास्तव, वीरेश तुमरात और दशरथ सिंह पटेल नाकों की नीलामी करके वसूली करते थे. मनी ट्रेल का पता लगते ही प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट में गिरफ्तारी होनी चाहिए.
तोमर