स्पोर्ट्स शू पहन कर ऑफिस जाने पर कंपनी ने महिला को किया फायर, अब मिला 31 लाख का मुआवजा
et December 30, 2024 04:42 AM
नई दिल्ली: लंदन के क्रॉयडन में स्थित एक लेबर ट्रिब्यूनल ने एक युवती को उसके साथ हुए भेदभाव के मामले में बड़ा फैसला सुनाया है. दरअसल, मैक्सिमस यूके सर्विसेज में काम करने वाली 18 साल की एलिजाबेथ बेनासी ने साल 2022 में दावा किया था कि उन्हें उनके जूते पहनने के चयन को लेकर नौकरी से निकाल दिया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि जब अन्य सहकर्मी भी ऐसे ही जूते पहनते थे, तब उन्हें कोई आपत्ति नहीं की गई, लेकिन उनके साथ अलग व्यवहार किया गया. उम्र के आधार पर भेदभाव एलिजाबेथ ने कोर्ट में बताया कि उन्हें उनके ट्रेनर्स पहनने के लिए बार-बार टोकते हुए उनका अपमान किया गया. उन्होंने कहा कि कंपनी की ओर से ड्रेस कोड की स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई थी. उन्होंने ने यह भी आरोप लगाया कि उनके साथ उम्र के आधार पर भेदभाव किया गया क्योंकि वह कंपनी में सबसे कम उम्र की कर्मचारी थीं. 3 महीने में कंपनी ने किया फायर एलिजाबेथ ने केवल तीन महीने तक कंपनी में काम किया था. उन्होंने कहा कि उनके अधिकतर सहकर्मी बीस से ऊपर की उम्र के थे, और उनकी उम्र को लेकर उन्हें अलग नजरिए से देखा गया. उन्होंने यह भी बताया कि उनके काम की "माइक्रोमैनेजिंग" की जाती थी, जिससे यह साबित होता है कि उनके साथ उम्र के आधार पर भेदभाव हो रहा था. कंपनी ने आरोपों को नकारा बता दें कि मैक्सिमस यूके सर्विसेज डिपार्टमेंट फॉर वर्क एंड पेंशन्स के लिए सर्विस प्रवाइडर का काम करती है. उसने किसी भी प्रकार के गलत आचरण से इनकार किया. लेकिन ट्रिब्यूनल ने एलिजाबेथ के पक्ष में फैसला सुनाते हुए उन्हें £29,187 (लगभग 30 लाख रुपये) का मुआवजे का फैसला सुनाया है. जज ने कही ये बात एम्प्लॉयमेंट जज फॉरवेल ने फैसले में कहा, “कंपनी ने यह समझने की कोशिश नहीं की कि एलिजाबेथ नई कर्मचारी थीं और उन्हें ड्रेस कोड की जानकारी नहीं थी. यह उनके साथ स्पष्ट रूप से अन्याय था और उनके दोष निकालने की मंशा को दर्शाता है.”