Guru Gobind Singh Ji Shabad Lyrics: वाह वाह गोविंद सिंह आपे गुरु चेला...यहां देखें गुरु गोबिंद सिंह जी के शब्द लिरिक्स
Times Now Navbharat January 05, 2025 05:42 PM

Guru Gobind Singh Ji Shabad Lyrics In Hindi: सिख धर्म के आखिरी गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती को बेहद ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। उन्होंने ही सिख लोगों को पांच ककारों के महत्व को समझाया था। ये पांच ककार- केश, कड़ा, कंघा, किरपान/कृपाण, कच्चेरा हैं। गोबिंद सिंह जी ने ही खालसा पंथ की स्थापना की थी। हर साल पौष शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि पर उनकी जयंती मनाई जाती है। इस दिन सिख धर्म के लोग गुरु गोबिंद सिंह जी की शिक्षाओं को याद करते हैं। चलिए इस दौरान जानते हैं गुरु गोबिंद सिंह जी के शब्द।


वाह वाह गोविंद सिंह आपे गुरु चेला लिरिक्स (Wah Wah Gobind Singh Aape Guru Chela Lyrics)

वाहे गुरु वाहे गुरु सतनाम वाहे गुरु
वाहे गुरु वाहे गुरु सतनाम वाहे गुरु
वाह वाह गोविंद सिंह
आपे गुरु चेला गोबिंद सिंह
आपे गुरु चेला गोबिंद सिंह।।
वाह वाह वाह वाह वाह वाह गोविंद सिंह
वाह वाह गोविंद सिंह
वाह वाह वाह वाह गोविंद सिंह
वाह वाह वाह वाह गोविंद सिंह
आपे गुरु चेला गोबिंद सिंह
आपे गुरु चेला गोबिंद सिंह।।
इक ओंकार सतिगुर प्रसादी
बोलना भाई गुरदास का
हरि सच्चा तख्त रचाया
सत संगति मेला ।।
नानक निराभाऊ निरंकार
विची सिद्धा खेला
वाह वाह वाह वाह
वाह वाह वाह वाह गोविंद सिंह
आपे गुरु चेला
आपे गुरु चेला गोबिंद सिंह
आपे गुरु चेला गोबिंद सिंह।।
गुरु सिमरि मनाई कालका
खंडे की वेला
खंडे की वेला।।
पीओ पाहुल खंडधार
होये जन्म सुहैला
होये जन्म सुहैला
गुरु सिमरि मनाई कालका
खंडे की वेला
खंडे की वेला।।
पीओ पाहुल खंडधार
होये जन्म सुहैला
होये जन्म सुहैला
वाह वाह वाह वाह
वाह वाह वाह वाह गोविंद सिंह
आपे गुरु चेला
आपे गुरु चेला गोबिंद सिंह
आपे गुरु चेला गोबिंद सिंह।।
गुरु संगति कीनी खालासा
मनमुखी दुहेला
मनमुखी दुहेला ।।
वाह वाह गोविंद सिंह
आपे गुरु चेला गोबिंद सिंह
वाह वाह गोविंद सिंह
आपे गुरु चेला गोबिंद सिंह।।
वाह वाह वाह वाह
वाह वाह वाह वाह गोविंद सिंह
आपे गुरु चेला
आपे गुरु चेला गोबिंद सिंह
आपे गुरु चेला गोबिंद सिंह।।
बोले सोनिहाल सत श्री अकाल
बोले सोनिहाल सत श्री अकाल

https://www.youtube.com/watch?v=-aPNfQYjFR8



सब राजन के राजा तुम हो सब राजन के राजा (Sab Rajan Ke Raja Tum Ho Sab Rajan Ke Raja)
सब राजन के राजा,
तुम हो सब राजन के राजा,
आपे आप ग़रीब नवाज़ा,
सब राजन के राजा,
तुम हो सब राजन के राजा।।
महाकाल रखवार हमारो,
महालोह मैं किंकर थारो,
अपना जान करो रखवार,
बहि गहे की लाज विचार,
सब राजन के राजा,
तुम हो सब राजन के राजा।।
अपुना जानि मुझै प्रतिपरीऐ।।
चुनि चुनि सत्र हमारे मरीऐ।।
देग तेग जग मै दोऊ चलै।।
राखु आपि मुहि अउर न दलै
सब राजन के राजा,
तुम हो सब राजन के राजा।।
तुम मम करहु सदा प्रतिपारा,
तुम साहिब मै दास तिहारा,
जानि आपना मुझै निवाज,
आपि करो हमरे सभ काज,
सब राजन के राजा,
तुम हो सब राजन के राजा।।
तुम हो, सभ राजन के राजा,
आपे आपु गरीब निवाजा,
दास जान करि क्रिपा करहु मोहिं,
हारि परा मै आनि द्वार तुहि।।
अपुना जानि करो प्रतिपारा,
तुम साहिबु मै किंकर थारा,
दास जानि कै हाथि उबारो,
हमरे सभ बैरीअन संघारो।।

https://www.youtube.com/watch?v=3YznTkWgQj0&t=301s


इक ओंकार सतनाम (Ek Omkar Satnam)
इक ओंकार सतनाम
करता पुरख
निरभऊ निर्वैर
अकाल मूरत
अजूनी सभम
गुरु परसाद
जप आदि सच जुगादि सच
है भी सच नानक होसे भी सच
सोचै सोचि न होवई जे सोची लख वार ॥
चुपै चुप न होवई जे लाइ रहा लिव तार ॥
उखिया पुख न उतरी
जे बनना पूरिया पार
सहास्यांपा लाख वह है
ता एक न चले नाल
के वे सच यारा होइ ऐ
के वे कूड़े टूटते पाल
हुकुम रजाई चलना नानक लिखिए नाल
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