जयपुर, 7 जनवरी (आईएएनएस)। राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने मंगलवार को चीन के नए वायरस एचएमपीवी (ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस) के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि फिलहाल इसका कोई गंभीर प्रभाव नहीं देखा गया है।
समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने कहा कि जब तक इस वायरस का वेरिफिकेशन नहीं हो जाता, तब तक इसके फैलने की संभावना को लेकर चिंता नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि चीन के नए वायरस एचएमपीवी के बारे में जो जानकारी सामने आई है, उसका फिलहाल राजस्थान में कोई गंभीर प्रभाव नहीं है। चांदीपुरा वायरस के मामले में भी पहले बहुत ज्यादा हल्ला मचाया गया था, लेकिन जब तक वायरस का वेरिफिकेशन नहीं हो जाता, तब तक इसको लेकर कोई निश्चित राय नहीं बनानी चाहिए। अभी इस वायरस के कुछ मामलों की पहचान हुई है और उनकी जांच चल रही है।
गजेंद्र सिंह खींवसर ने यह भी बताया कि यदि जांच के दौरान यह पाया जाता है कि वायरस से बचाव के लिए किसी प्रकार की विशेष सावधानी या प्रिकॉशन लेने की जरूरत है, तो सरकार इसकी तैयारी करेगी और समय पर आम जनता को इस संबंध में पूरी जानकारी दी जाएगी। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि फिलहाल यह वायरस पूरी तरह से वेरीफाई नहीं हुआ है, इसलिए अभी इस पर चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। स्वास्थ्य विभाग हर स्थिति पर नजर बनाए हुए है और यदि वायरस के फैलाव को लेकर कोई नई जानकारी मिलती है, तो उसी के अनुसार उचित कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने जनता से अपील की कि वे अफवाहों से बचें और केवल आधिकारिक सूचनाओं पर ध्यान दें।
इससे पहले, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने सोमवार को कहा था कि एचएमपीवी वायरस नया नहीं है और इसके बारे में कई स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया है कि यह वायरस 2001 में पहली बार पहचाना गया था और तब से यह पूरी दुनिया में फैल रहा है। उन्होंने बताया कि एचएमपीवी वायरस श्वसन के माध्यम से हवा के द्वारा फैलता है और यह सभी आयु समूहों के लोगों को प्रभावित कर सकता है। विशेष रूप से सर्दी और बसंत ऋतु में इसका प्रसार ज्यादा देखा जाता है।
जेपी नड्डा ने कहा था कि हाल के दिनों में चीन में एचएमपीवी के मामलों में वृद्धि की खबरें आई हैं। इस पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) स्थिति पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) भी इस पर ध्यान दे रहा है और जल्द ही अपनी रिपोर्ट साझा करेगा। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद और इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार भारत में किसी सामान्य श्वसन वायरल संक्रमणों में कोई विशेष वृद्धि नहीं देखी गई है।
--आईएएनएस
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