महाकुंभ : एचएमपीवी वायरस की चुनौती को देखते हुए संत समाज सतर्क – रवींद्र पुरी
Indias News Hindi January 08, 2025 11:42 PM

महाकुंभ नगर, 8 जनवरी . तीर्थराज प्रयागराज में आस्था के सबसे बड़े मेले महाकुंभ की शुरुआत 13 जनवरी से होने जा रही है. कुंभ में करोड़ों लोगों के आगमन की उम्मीद के बीच शासन-प्रशासन ने अपने स्तर से सभी तैयारियां की हैं. इसी बीच एचएमपीवी (ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस) के केस भारत में आने के बाद कुंभ मेले में सावधानी और सुरक्षा की चुनौती भी बढ़ने जा रही है.

चीन के इस नए वायरस को लेकर दुनियाभर में दहशत का माहौल है. हर किसी के जेहन में बस एक ही डर है कि कहीं कोरोना वायरस संक्रमण की तरह ये भी तो जानलेवा नहीं है. भारत में भी इस वायरस से लोग डरे हुए हैं और उन्हें कोरोना का दौर याद आने लगा है.

प्रयागराज में शुरू होने जा रहे महाकुंभ पर इसके संभावित असर से सभी चिंता में हैं. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने इस चुनौती के बारे में बताया कि संत समाज किस तरह से वायरस के संभावित खतरे के प्रति खुद को इस महाकुंभ में तैयार कर रहा है.

रवींद्र पुरी ने बताया, “हमें भी ज्ञात हुआ है कि कुछ दिन पहले चीन से कोरोना जैसा एक वायरस भारत में आ रहा है. सुनने में आया है कि यह वायरस भारत में पहुंच गया है. करीब सात-आठ की संख्या में केस हमारे देश में अब तक मिल चुके हैं. हम जितने भी साधु संत हैं, जितने भी हमारे श्रद्धालु हैं, जितने भक्त हैं, जिसको भी जुकाम होगा, जिसको भी खांसी होगी, उनको हमें अपने कैंप से दूर रखना पड़ेगा. ऐसे संक्रमित लोगों को अलग तंबू में रखना पड़ेगा और उनको इलाज देना होगा.”

उन्होंने कोरोना काल को याद करते हुए कहा, “हमने भारत में कोरोना में अपनों को खोया है. किसी का बेटा चला गया तो किसी का पति, किसी का पिता. इस तरह से पूरे परिवार तबाह हो गए. इसलिए ये सब हमारी जिम्मेदारी है कि हमें पहले जागरूक होना पड़ेगा और बीमारी हम पर हावी न हो, ये हमें देखना पड़ेगा. इस समय सर्दी का मौसम है और सर्दी के मौसम में हमें काढ़ा आदि जो भी हर्बल पदार्थ हैं उनका भी सेवन करना होगा. हमें खुद भी प्रयास करना पड़ेगा कि हम स्वस्थ रहें. हमें खाना भी अच्छा खाना चाहिए. हमें जो भी अच्छी-अच्छी दवाई है वह भी लेनी चाहिए.”

हालांकि रवींद्र पुरी ने बताया कि वह अभी इस वायरस को लेकर आमजन से कोई अपील नहीं करेंगे क्योंकि वायरस के बारे में पूरी तरह स्पष्ट नहीं है कि यह किस प्रकार का विषाणु है. जब तक इसके बारे में सरकार की ओर से कोई दिशानिर्देश नहीं आते, तब तक इंतजार करना होगा. लेकिन संत-समाज के लिए पहले से ही निर्देश जारी हैं और उनका पालन भी किया जाएगा.

रवींद्र पुरी ने कहा, “हमारे कैंप में जितने भी हमारे संत महात्मा हैं, हमने कहा है कि जिसको भी बुखार होता है, वह अपने तंबू में रहे. क्योंकि ये छुआछूत की बीमारी होती है. इसलिए इस समय हमें बचना होगा. हमने पूरा प्रयास किया कि जितने संत और लोग हमारे यहां हैं, उन सबको कहा है कि कोई भी खांसी, सर्दी, जुकाम हो तो अपने तंबू में रहो. वहीं आपको भोजन मिलेगा. वहीं आपको दवा भी मिलेगी.”

एएस/

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