ओडिशा में घूमिये ये 5 जगहें, उत्तराखंड और हिमाचल की तरह हैं सुंदर
GH News January 09, 2025 03:08 PM

ओडिशा के इस पर्वत की ऊंचाई करीब 1500 मीटर से अधिक है. ऐसा कहा जाता है कि इस पर्वत का इतिहास रामायण से लेकर महाभारत काल से जुड़ा हुआ है.

Odisha Tourist Destinations: ओडिशा में टूरिस्टों के घूमने के लिए कई सारी जगहें हैं. इस सूबे में पर्यटक स्थल के साथ ही कई महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल भी हैं. ओडिशा के सुंदर जगहों को देखने के बाद आप उत्तराखंड और हिमचाल के टूरिस्ट स्थलों को भूल जाएंगे. ओडिशा में प्रसिद्ध जगन्नाथ पुरी मंदिर, कोणार्क, पुरी बीच, भुवनेश्वर और चिल्का झील जैसी जगहें हैं जो दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं. ये ऐसे घार्मिक स्थल और टूरिस्ट प्लेसिस हैं जिन्हें घूमने के लिए देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी टूरिस्ट आते हैं. इसके साथ ही यहां महेंद्रगिरि भी एक ऐसी जगह है, जो बेहद सुंदर है. अगर आपने अभी तक ओडिशा की सैर नहीं की है, तो इन जगहों की सैर कर सकते हैं.

महेंद्रगिरी और जगन्नाथ पुरी मंदिर

टूरिस्ट ओडिशा में महेंद्रगिरी जा सकते हैं. यह जगह गजपति जिले में है. यह देओमाली पर्वत के बाद ओडिशा का दूसरा सबसे ऊंचा पहाड़ है. इस पर्वत की ऊंचाई करीब 1500 मीटर से अधिक है. यह पर्वत जैव विविधता हॉटस्पॉट के रूप में भी जाना जाता है. यहां आप ऊंचे-ऊंचे पहाड़ और घने जंगल देख सकते हैं. ऐसा कहा जाता है कि इस पर्वत का इतिहास रामायण से लेकर महाभारत काल से जुड़ा हुआ है. पौराणिक मान्यता है कि भगवान परशुराम ने इसी पर्वत पर तपस्या की थी.

टूरिस्ट ओडिशा में जगन्नाथ मंदिर के दर्शन कर सकते हैं. यहां भगवान कृष्ण अपने बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ विराजते हैं. हिंदुओं की प्राचीन और पवित्र 7 नगरियों में पुरी ओडिशा में है. पुराणों में इसे धरती का वैकुंठ कहा गया है.

चिल्का झील, कोणार्क और भुवनेश्वर

ओडिशा में आप चिल्का झील, कोणार्क और भुवनेश्वर की सैर कर सकते हैं. चिल्का झील एशिया की सबसे बड़ी खारे पानी की झील है. इस झील की लंबाई 70 किलोमीटर और चौड़ाई 15 किलोमीटर है. यह झील लगभग 1100 वर्ग किलोमीटर में फैली है. यह झील जलीय वनस्पतियों, जीव जन्तुओं और पक्षी बिहार के आकर्षक नजारों के लिए जानी-जाती है. झील के पास सूर्योदय और सूर्यास्त का दृष्य मंत्रमुग्ध करने वाला होता है. झील में बोटिंग की जा सकती है. टूरिस्ट ओडिशा में भुवनेश्वर जा सकते हैं. यहां भी टूरिस्टों के घूमने के लिए कई सारी जगहें हैं. आप भुवनेश्वर में धौली हिल्स, उदयगिरि और खंडगिरी गुफाएं घूम सकते हैं. टूरिस्ट भुवनेश्वर में स्थित लिंगराज मंदिर की सैर कर सकते हैं. यहां आप नंदन कान्हा ज्योलॉजिकल पार्क देख सकते हैं. आप फिर भुवनेश्वर से पुरी जा सकते हैं. भुवनेश्वर से पुरी की दूरी लगभग 62 किलोमीटर है. जिसे आप डेढ़ घंटे में तय कर सकते हैं. पुरी में टूरिस्ट खूबसूरत मंदिर देख सकते हैं.

टूरिस्ट कोणार्क जा सकते हैं. यहां टूरिस्ट सूर्य मंदिर देख सकते हैं. यह मंदिर 772 साल पुराना है. मंदिर बलुआ पत्थर और ग्रेनाइट से बना है. यहां सूर्य की पहली किरण मंदिर के प्रवेश द्वार पर पड़ती है. 1250 में बना कोणार्क सूर्य मंदिर का निर्माण 1250 ई. में गांग वंश राजा नरसिंहदेव प्रथम ने कराया था. अबुल फजल ने आइन-ए-अकबरी में लिखा है कि राजा नरसिंह देव ने 12 साल के पूरे राजस्व को मंदिर के निर्माण में लगा दिया था. कोणार्क सूर्य मंदिर के प्रवेश द्वार पर दो मूर्तियां हैं, जिसमें सिंह के नीचे हाथी है और हाथी के नीचे मानव शरीर है. मान्यता है कि इस मंदिर के करीब 2 किलोमीटर उत्तर में चंद्रभागा नदी बहती थी जो अब विलुप्त हो गई है.

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