शरीर में थाइरॉइड बढ़ना आम बीमारी बन चुकी है. इसमें आपका मेटाबॉलिज्म कमजोर हो जाता है, जो हमारी बढ़ते वजन का मुख्य कारण होता है. थाइरॉइड होने पर हमारे बालों पर भी असर पड़ता है. बालों का हद से ज्यादा टूटना, रफ होने जैसी कई परेशानियां होने लगती हैं. आज हम जानेंगे कि किस तरह थाइरॉइड हमारे शरीर में कुछ अंगों के अलावा बालों को कैसे प्रभावित करता है?
हमारे गले में मौजूद थाइरॉइड ग्लैंड कई सारे हार्मोन्स प्रोड्यूस करता है. यहीं हार्मोन्स हमारे पाचन क्रिया से लेकर शरीर की कई सारी चीजों के संचालन के लिए जिम्मेदार होते हैं. थाइरॉइड की समस्या तब होती है, जब ये ग्लैंड सही तरह से काम करना कम कर दे. इससे हमारा शरीर सही तरह से काम करना बंद कर देता है. ऐसी स्थिति को ही थाइरॉइड की समस्या बोलते हैं.
कितने प्रकार के थाइरॉइड होते हैं?
थाइरॉइड की समस्या व्यक्तियों में दो तरह से पाई जाती है. इन दोनों तरह के थाइरॉइड का व्यक्ति पर अलग अलग तरह से प्रभाव पड़ता है.
1. हाइपोथायरायडिज्म –
इसमें आपका थाइरॉइड ग्लैंड हार्मोंस का कम उत्पादन करने लगता है. इससे आपका मेटाबोलिज्म धीमा हो जाता है. ऐसा होने पर व्यक्ति में थकान, वजन बढ़ना, ठंड महसूस होना जैसी परेशानियां देखी जाती हैं.
2. हाइपरथायरायडिज्म –
इसमें आपका थाइरॉइड ग्लैंड हार्मोंस ज्यादा मात्रा में प्रोड्यूस करने लगता है. इससे आपके शरीर में जरूरत से ज्यादा मेटाबोलिज्म प्रोड्यूस होने लगता है. ऐसे में व्यक्ति की हार्ट बीट तेज होना, प्यास ज्यादा लगना, वजन घटना जैसे लक्षण देखेंगे.
बालों की ग्रोथ पर आपके शरीर में बनने वाले हार्मोंस का बड़ा रोल होता है. जब थाइरॉइड ग्लैंड हार्मोंस को प्रोड्यूस करने में गड़बड़ी करता है, तब इसका सीधा प्रभाव आपके बालों की हेल्थ पर पड़ता है. थाइरॉइड होने पर आपके बालों की ग्रोथ धीमी हो जाती है. बाल जड़ से कमजोर होने जैसी कई परेशानियां थाइरॉइड के बढ़ने या घटने की वजह से होने लगती है. थाइरॉइड होने पर आपको स्कैल्प ड्राईनेस या खुजली जैसी समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है.
नोट: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है. इसे केवल सुझाव के तौर पर लें. इस तरह की किसी भी जानकारी पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.