यह घटनाक्रम कुछ दिन पहले ट्रूडो के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफे की घोषणा और नया नेता चुने जाने तक पद पर उनके बने रहने की बात कहे जाने के बाद हुआ है। ओटावा के नेपियन से सांसद आर्य का जन्म कर्नाटक में हुआ था। उन्होंने स्थानीय समयानुसार बृहस्पतिवार सुबह अपनी दावेदारी की सोशल मीडिया मंच पर घोषणा की। ALSO READ:
मैं प्रधानमंत्री पद की दौड़ में शामिल हूं : उन्होंने ‘एक्स’ पर किए गए पोस्ट में कहा कि मैं अपने देश के पुनर्निर्माण और भावी पीढ़ियों के लिए समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए एक छोटी, अधिक कुशल सरकार का नेतृत्व करने के वास्ते कनाडा के अगले प्रधानमंत्री की दौड़ में शामिल हो रहा हूं। कैनेडियन ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (सीबीसी) ने यह रेखांकित किया है कि आर्य एक छोटी, अधिक कुशल सरकार का नेतृत्व करना चाहते हैं, जिसमें कैबिनेट सदस्यों का चयन योग्यता के आधार पर किया जाएगा न कि (विविधता, समानता और समावेश) कोटा के आधार पर।
2015 में पहली बार सांसद बने : पहली बार आर्य पहली बार 2015 में हाउस ऑफ कॉमन्स के लिए चुने गए थे। पिछले साल, आर्य ने भारत की यात्रा की थी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की। उस समय ‘ग्लोबल अफेयर्स कनाडा’ ने एक बयान जारी कर कहा था कि आर्य ने खुद पहल करते हुए भारत की यात्रा की और वह कनाडा सरकार का प्रतिनिधित्व नहीं कर रहे थे। ALSO READ:
आर्य का सफर : चंद्र आर्य अपने शुरुआती राजनीतिक सफर में जस्टिन ट्रूडो के करीबी थे, लेकिन भारत और कनाडा के बीच तनाव होने के बाद धीरे-धीरे वे ट्रूडो से दूर हो गए। आर्य का जन्म कर्नाटक के तुमकुरु में हुआ था। उन्होंने कौसाली इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज, धारवाड़ से एमबीए किया। 2006 में वे कनाडा चले गए। राजनीति में कदम रखने से पहले वे इंडो-कनाडा ओटावा बिजनेस चैंबर के अध्यक्ष भी रहे थे। साल 2015 के बाद वे 2019 में भी सांसद चुने गए। अब जस्टिन ट्रूडो के धुर विरोधी चंद्र आर्य खालिस्तानी गतिविधियों के मुखर आलोचक हैं। (एजेंसी/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala