एक दूसरे से 1.5 किलोमीटर दूर ISRO ने सैटेलाइट्स को क्यों किया होल्ड ? जानिए क्या है स्पेस एजेंसी का मास्टरप्लान
Samachar Nama Hindi January 11, 2025 02:42 PM

विज्ञान न्यूज़ डेस्क - भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट (स्पाडेक्स) पर अपडेट दिया है। दोनों सैटेलाइट को फिलहाल 1.5 किलोमीटर की दूरी पर 'होल्ड मोड' में रखा गया है। धीरे-धीरे इन स्पेसक्राफ्ट को करीब लाने की योजना बनाई गई है। अगले चरण में 11 जनवरी को इनकी दूरी 500 मीटर तक लाने का लक्ष्य है।

क्या है 'होल्ड मोड'
होल्ड मोड में स्पेसक्राफ्ट को स्थिर रखा जाता है, ताकि उनके बीच की दूरी और दिशा को सही तरीके से नियंत्रित किया जा सके। यह प्रक्रिया काफी जटिल है, क्योंकि स्पेसक्राफ्ट के बीच किसी भी अनियंत्रित गति से टकराव का खतरा हो सकता है। स्पेसक्राफ्ट को धीरे-धीरे घुमाकर 500 मीटर की दूरी पर लाया जाएगा। इस दौरान गति और दिशा पर लगातार नजर रखी जाएगी।

दो बार टाली जा चुकी है 'डॉकिंग'
इसरो की टीम हर चरण पर डेटा का विश्लेषण कर रही है और सुनिश्चित कर रही है कि डॉकिंग एक्सपेरीमेंट बिना किसी परेशानी के पूरा हो जाए। स्पाडेक्स स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट को पहले 7 जनवरी और फिर 9 जनवरी को शुरू करने की घोषणा की गई थी, जो नहीं हो सका। इसरो ने गुरुवार को कहा कि उसने उपग्रहों के बहाव पर काबू पा लिया है।

इसरो ने 30 दिसंबर, 2024 को स्पैडेक्स मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। अब इसरो 'डॉकिंग' की तैयारी कर रहा है जिसके लिए कई चरणों की आवश्यकता होती है। अंतरिक्ष में 'डॉकिंग' एक जटिल प्रक्रिया है, जिसे अब तक केवल तीन देश अमेरिका, रूस और चीन ही मास्टर कर पाए हैं।

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