Amrapali Dubey Birthday: जानिए कैसे डॉक्टर बनते-बनते एक्ट्रेस बन गई आम्रपाली ? एक क्लिक में पढ़िए भोजपुरी क्वीन की पूरी बायोग्राफी
Samachar Nama Hindi January 11, 2025 02:42 PM

मनोरंजन न्यूज़ डेस्क -  आम्रपाली दुबे भोजपुरी इंडस्ट्री की सबसे खूबसूरत एक्ट्रेस है। उन्हें इंडस्ट्री की ब्यूटी क्वीन कहा जाता है। इतना ही नहीं फैंस उन्हें यूट्यूब क्वीन भी कहते हैं। आम्रपाली आज सभी के दिलों पर राज करती हैं। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर की रहने वाली आम्रपाली दुबे का आज (11 जनवरी) 33वां जन्मदिन है। उन्होंने अब तक 25 से ज्यादा भोजपुरी फिल्में की हैं. इस खास मौके पर हम जानेंगे डॉक्टर बनी आम्रपाली दुबे के फिल्मी करियर और कुछ फैक्ट्स के बारे में....


आम्रपाली दुबे की जीवनी
आम्रपाली का जन्म 11 जनवरी 1987 को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में हुआ था। उनकी मां का नाम उषा दुबे और पिता का नाम शैलेश दुबे है। आम्रपाली बचपन से ही पढ़ाई में अच्छी थीं। उनकी पढ़ाई को देखकर उनके परिवार ने उन्हें डॉक्टर बनने की सलाह दी। अपने परिवार के सपनों को पूरा करने के लिए आम्रपाली ने मुंबई के भवन कॉलेज में एडमिशन लिया और आगे की पढ़ाई जारी रखी। उसी कॉलेज में टीवी शो 'साठ फेरे' के ऑडिशन चल रहे थे। आम्रपाली की एक सहेली ने उन्हें इस ऑडिशन में हिस्सा लेने के लिए कहा। आम्रपाली ने अपनी सहेली की सलाह पर ऑडिशन दिया। उन्होंने बिल्कुल भी नहीं सोचा था कि यह ऑडिशन उनकी पूरी दुनिया बदल देगा। आम्रपाली इस ऑडिशन में सिलेक्ट हो गईं और शो में 'श्वेता' के किरदार के लिए चुन ली गईं। यह जानकर वह बेहद खुश हुईं। उनका मन किताबों से हटकर एक्टिंग में लग गया। उन्हें एक्ट्रेस बनने का जुनून सवार हो गया।


दादी ने दिया साथ
आम्रपाली ने एक्टिंग के बारे में अपने परिवार से सलाह मांगी। आम्रपाली के माता-पिता उनके इस फैसले को लेकर थोड़े झिझक रहे थे, क्योंकि उनके परिवार में इस बैकग्राउंड से कोई नहीं था। तब आम्रपाली की दादी ने उनका साथ दिया। दादी का साथ देखकर घर के दूसरे लोगों ने भी उन्हें एक्ट्रेस बनाने का फैसला किया। परिवार के सपोर्ट और अपनी मेहनत से आम्रपाली टीवी की दुनिया में अपना करियर बनाने निकल पड़ीं।

इस सीरियल में आम्रपाली ने मुख्य भूमिका निभाई थी
सात फेरे और मायका सीरियल में काम करने के बाद आम्रपाली ने टीवी सीरियल 'रहना है तेरी पलकों की छांव में' (2009) में मुख्य भूमिका निभाई थी। इस सीरियल में उन्होंने 'सुमन' का किरदार निभाया था। इसके बाद वह 'मेरा नाम करेगी रोशन' (2010) में नजर आईं। इसके अलावा वह सहारा वन के फिक्शन शो प्रेट नाइट्स में भी नजर आईं।


दादी के तानों से परेशान थीं आम्रपाली
आम्रपाली ने अपने एक इंटरव्यू में बताया था कि वह अपनी दादी के तानों से तंग आ चुकी थीं। उनकी दादी उनसे कहती थीं कि उनके गांव में उनकी कोई पहचान नहीं है, जिसकी वजह से गांव वाले अक्सर उनकी दादी को ताने मारते थे। उनकी दादी उन पर भोजपुरी फिल्में करने का दबाव बना रही थीं। ताकि उनके जिले के लोग आम्रपाली को जान सकें। यह जानकर आम्रपाली को काफी दुख हुआ था। उन्हें लगता था कि भोजपुरी इंडस्ट्री उनके लिए बहुत छोटी है। एक दिन उनकी दादी दिनेश लाल यादव 'निरहुआ' की फिल्म 'परिवार' देख रही थीं। इस फिल्म को देखने के बाद उन्होंने आम्रपाली को 'परिवार' फिल्म देखने को कहा। इस फिल्म को देखने के बाद आम्रपाली का मन बदल गया और उन्होंने अपनी दादी के लिए एक भोजपुरी फिल्म बनाने का सोचा और यहीं से आम्रपाली का भोजपुरी सफर शुरू हुआ।


आम्रपाली 25 में से 19 फिल्मों में निरहुआ के साथ नजर आईं
एक समय ऐसा भी था जब दिनेश लाल यादव 'निरहुआ' अपनी फिल्म 'निरहुआ हिंदुस्तानी' के लिए नए चेहरे की तलाश कर रहे थे।  निरहुआ ने इस फिल्म के लिए 300 से ज्यादा लड़कियों को रिजेक्ट कर दिया था।  इसके बाद निरहुआ की मुलाकात आम्रपाली से हुई। आम्रपाली को देखते ही उन्होंने उन्हें अपनी फिल्म के लिए चुन लिया। 2014 में आम्रपाली ने भोजपुरी फिल्मों में अपना पहला कदम रखा और उन्होंने निरहुआ के साथ अपनी पहली फिल्म 'निरहुआ हिंदुस्तानी' की। इस फिल्म के बाद वह भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में मशहूर हो गईं और उन्होंने निरहुआ के साथ 'निरहुआ रिक्शावाला 2', 'पटना से पाकिस्तान', निरहुआ चलल लंदन जैसी कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया। दोनों की जोड़ी को दर्शकों ने खूब पसंद किया। आपको बता दें कि आम्रपाली ने करीब 25 फिल्मों में से 19 फिल्में निरहुआ के साथ की हैं। वह एक फिल्म के लिए 7 से 9 लाख रुपए चार्ज करती हैं।


आम्रपाली की प्रमुख फिल्में
निरहुआ रिक्शावाला' 2.0, काशी अमरनाथ, 'पटना से पाकिस्तान, मोकामा जीरो किलोमीटर, निरहुआ चलल ससुराल-2, निरहुआ चलल लंदन, निरहुआ हिंदुस्तानी, निरहुआ हिंदुस्तानी-2, निरहुआ हिंदुस्तानी-3, राजा बाबू, राम लखन, जिगरवाला, आशिक आवारा, बम बम बोल रहा काशी, निरहुआ सटल रहे, सिपाही, बॉर्डर, लागल रहा बताशा, आशिकी।

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