संभल में मिली प्राचीन बावड़ी (Sambhal Bawadi) के ऊपर बने मकान को नगर पालिका ने तोड़ना शुरू कर दिया. मकान मालिक ने बताया कि मकान तोड़ने से पहले प्रशासन ने एक घंटे पहले ही नोटिस चस्पा किया था.
इसके एक घंटे बाद ही उनके घर पर बुलडोजर (Sambhal Bulldozer) चला दिया गया. बता दें कि 21 दिसंबर को लक्ष्मण गंज इलाके में एक प्लॉट की खुदाई के दौरान ये प्राचीन बावड़ी सामने आई थी. इसके बाद लगातार यहां खुदाई का काम चल रहा है. अभिलेखों की मानें तो 400 वर्ग मीटर में बनी बावड़ी के ऊपर केवल 210 वर्ग मीटर का प्लॉट ही खाली पड़ा था. इसलिए प्रशासन ने बावड़ी के ऊपर बने मकान को तोड़ने का आदेश दिया था.
'जहां तक बावड़ी, वहां तक खुदाई'
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शहर मे चल रही बावड़ी की खुदाई का काम एक हफ्ते के लिए रोक दिया गया था. तब कहा गया था कि खुदाई के दौरान गैस निकल रही है. इसके बाद मुरादाबाद से पहुंची प्रदूषण विभाग की टीम ने जांच के बाद स्पष्ट किया था कि बावड़ी में किसी भी तरह की कोई गैस नहीं पाई गई. जिसके बाद खुदाई का काम फिर से शुरू कर दिया गया.
शुक्रवार, 10 जनवरी को SDM निधि पटेल के साथ तहसीलदार धीरेंद्र प्रताप सिंह और पुलिस की पूरी टीम मौके पर पहुंची. इसके बाद बावड़ी की दीवार के ऊपर बने मकान की दूसरी मंजिल की दीवार तुड़वाना शुरू कर दिया गया. कुछ ही देर में संभल के DM डा. राजेंद्र पैसिया भी पहुंच गए. उन्होंने बताया कि नक्शे के मुताबिक बावड़ी का क्षेत्रफल 400 वर्ग मीटर में है. इसके साथ ही दो मंजिला मकान को भी तोड़ा जाए जिसके नीचे बावड़ी का हिस्सा है. इसके बाद देर रात तक प्रशासन की मौजूदगी में तोड़फोड़ का काम चलता रहा.
मकान मालिक ने लगाया आरोप
मकान खाली कराए जाने के दौरान मकान के सदस्य भावुक होकर रोने लगे. जानकारी के मुताबिक, ये मकान गुलनाज नाम की महिला के नाम पर है. मकान मालिक के पति युसुफ ने बताया कि पालिका प्रशासन ने 5 बजे मकान खाली कराने का नोटिस चस्पा किया था. इसके एक घंटे बाद ही नगर पालिका ने बुलडोजर चला दिया. उन्होंने बताया कि उन्हें सामान निकालने तक का मौका नहीं मिला. इस आरोप पर DM ने कहा कि पहले ही नोटिस दिया जा चुका था. लेकिन मकान खाली नहीं किया गया.