दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, राज्य की राजनीति में हलचल बढ़ती जा रही है. 5 फरवरी को होने वाले इन चुनावों में त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा, जिसमें आम आदमी पार्टी (AAP), भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर होगी.
AAP जहां तीसरी बार सत्ता में लौटने का सपना देख रही है, वहीं बीजेपी 27 साल बाद दिल्ली में अपनी वापसी की उम्मीदों के साथ मैदान में उतरी है. कांग्रेस, जो दिल्ली में 15 साल तक सत्ता में रही, अब अपनी खोई हुई प्रासंगिकता को फिर से पाने के लिए संघर्ष कर रही है.
फालोदी सट्टा बाजार के मटका खिलाड़ी, जो अपने चुनावी अनुमान के लिए प्रसिद्ध हैं, दिल्ली की राजनीतिक तस्वीर में एक बड़ा बदलाव दिखा रहे हैं. उनका मानना है कि इस बार दिल्ली की राजनीति में कुछ नया देखने को मिल सकता है.
कांग्रेस को मिल सकती है 3 सीट
कांग्रेस की स्थिति बहुत मजबूत नहीं दिख रही. 2013 से लेकर अब तक, कांग्रेस ने दो विधानसभा चुनावों में एक भी सीट नहीं जीती है, और फालोदी की भविष्यवाणी के अनुसार, इस बार भी उसकी स्थिति खास नहीं रहने वाली है. कांग्रेस को केवल तीन सीटों पर ही जीत मिल सकती है, जो उसके संघर्ष की कहानी को और मजबूती से दर्शाता है.
बीजेपी को 25-35 सीट मिलने का अनुमान
वहीं, बीजेपी के लिए यह चुनाव बेहद महत्वपूर्ण है. साल 1993 के बाद से दिल्ली में सत्ता से बाहर रहने के बाद, बीजेपी इस बार 25 से 35 सीटों के बीच अपनी जीत की उम्मीदें जता रही है. हालांकि, यह आंकड़ा बहुमत से कुछ कम होगा, लेकिन बीजेपी के उम्मीदवारों जैसे प्रवेश वर्मा और रमेश बिधूड़ी की छवि और AAP पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों ने उन्हें वोटरों के बीच एक मजबूत विकल्प बना दिया है.
2020 में AAP को मिली थी 62 सीटें
AAP, जो 2015 में 67 सीटें और 2020 में 62 सीटें जीतने के बाद सत्ता में है, इस बार भी सत्ता में बने रहने की उम्मीद में है, लेकिन इस बार वह 37 से 39 सीटों के बीच रह सकती है. हालांकि, उसके नेतृत्व पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, लेकिन उसकी कल्याणकारी योजनाएं अभी भी दिल्ली के वोटरों के बीच लोकप्रिय हैं.