जयपुर, 11 जनवरी . मेट्रो रेल लाइनों के आस-पास पतंगबाजी से जान को जोखिम आ सकती है. जयपुर मेट्रो के मानसरोवर से बड़ी चौपड़ के बीच मार्ग में मेट्रो रेल का संचालन 25000 वोल्ट का विद्युत प्रवाह (करंट) बिजली के तारों द्वारा किया जाता है, जिनमें 24 घंटे निरन्तर विद्युत प्रवाह (करंट) चालू रहता है. यह बिजली के तार मेट्रो रूट पर सड़क से करीब 30 मीटर ऊंचाई तक है. यदि पतंग का मांझा इन बिजली के तारों में उलझ जाए तो करंट इस मांझे से सीधे ही पतंग उड़ाने वाले तक पहुंच कर खतरनाक व जानलेवा साबित हो सकता है. पूर्व में भारतीय रेल, मेट्रो एवं बिजली कंपनियों के तारों में पतंगबाजी के कारण इस तरह की घटनाएं घटित हो चुकी है.
गत वर्ष मकर संक्राति के दौरान बहुत बार इसी कारण जयपुर मेट्रो ट्रेनों के संचालन में रूकावट आई तथा तारों से करीब पांच हजार पतंगों एवं बड़ी तादाद में मांझों को हटाने में दिन रात मशक्कत करनी पड़ी, ताकि जयपुर मेट्रो का संचालन निर्बाध एवं सुचारूरूप से किया जा सकें.
जयपुर मेट्रो प्रशासन ने सभी से अपील की है कि मेट्रो रेल मार्ग के आस-पास पतंगबाजी से परहेज करें, ताकि किसी अनहोनी और जनहानि से बचा जा सकें. साथ ही पतंग व इसके मांझे के बिजली के तारों में उलझने से मेट्रो रेल संचालन में रूकावट व यात्री सेवा में होने वाली देरी से बचा जा सकें.
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/ राजेश