IIM अहमदाबाद की स्नातक प्रत्युषा चल्ला ने झूठे आरोपों और मानसिक प्रताड़ना की कहानी साझा की
IIM अहमदाबाद की स्नातक और गोल्डमैन सैक्स की पूर्व वाइस प्रेसिडेंट प्रत्युषा चल्ला ने अपने परिवार के साथ हुए दुर्व्यवहार और मानसिक प्रताड़ना की दर्दनाक कहानी एक वीडियो के जरिए साझा की है। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और इसे 28 लाख से अधिक बार देखा गया है। इस खुलासे ने पुरुषों पर घरेलू हिंसा और कानून के दुरुपयोग पर बहस को फिर से जीवंत कर दिया है।
10 दिनों की शादी, 5 साल की कानूनी लड़ाई
प्रत्युषा ने बताया कि उनके भाई, जो हैदराबाद के एक इंजीनियरिंग कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं, की शादी 2019 में हुई थी। लेकिन यह शादी सिर्फ 10 दिनों तक ही चली।
- आरोप और धमकियां:
- उनकी भाभी ने परिवार के साथ दुर्व्यवहार किया।
- आत्महत्या की धमकियां दीं।
- धारा 498A (महिला प्रताड़ना) के तहत झूठे आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया।
- पांच साल की परेशानी:
यह केस पिछले पांच वर्षों से उनके परिवार को परेशान कर रहा है। ट्रायल अब तक शुरू नहीं हुआ है, और मामला सिर्फ कानूनी खींचतान में उलझा हुआ है।
परिवार की सेहत पर बुरा असर
प्रत्युषा ने बताया कि इस झूठे केस ने उनके परिवार की सेहत पर गहरा असर डाला है।
- माता-पिता की हालत:
- उनके माता-पिता की सेहत लगातार खराब हो रही है।
- यह पूरा अनुभव उनके लिए किसी बुरे सपने जैसा है।
- न्याय प्रणाली की धीमी प्रक्रिया:
उन्होंने कहा कि एफआईआर बिना किसी जांच के दर्ज की गई, जिससे उनकी मुश्किलें और बढ़ गईं।
प्रत्युषा का करियर भी बर्बाद हुआ
प्रत्युषा ने बताया कि झूठे आरोपों की वजह से न केवल उनके परिवार की शांति भंग हुई, बल्कि उनकी प्रोफेशनल लाइफ भी पूरी तरह ठप हो गई।
- करियर की ऊंचाई:
- IIM और IIT जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों से पढ़ाई।
- गोल्डमैन सैक्स में वाइस प्रेसिडेंट का पद संभाला।
- झूठे केस का असर:
- कानूनी लड़ाई ने उनका करियर तबाह कर दिया।
- उन्होंने कहा, “मैंने इतना कुछ हासिल किया था, लेकिन अब सब कुछ खत्म हो चुका है।”
सोशल मीडिया पर बहस और प्रतिक्रियाएं
वीडियो के वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को लेकर बहस छिड़ गई।
- यूजर्स की प्रतिक्रिया:
- कई लोगों ने अरेंज मैरिज सिस्टम और कानून के दुरुपयोग को समाज के लिए खतरनाक बताया।
- एक यूजर ने लिखा, “अरेंज मैरिज मानसिक और भावनात्मक शोषण का कारण बन सकती है।”
- कानूनी सुधार की मांग:
- कई लोगों ने न्यायिक प्रणाली में सुधार की जरूरत पर जोर दिया।
- झूठे मामलों के लिए कठोर दंड की मांग की।
क्या यह सिस्टम बदलेगा?
प्रत्युषा की कहानी न केवल उन लोगों के लिए एक सबक है, जो इस तरह की मुश्किलों का सामना कर रहे हैं, बल्कि यह सामाजिक और न्यायिक सुधार की जरूरत को भी उजागर करती है।
- न्याय प्रणाली में सुधार:
- फास्ट-ट्रैक कोर्ट्स का गठन।
- झूठे मामलों में कार्रवाई की सख्ती।
- समाज में जागरूकता:
- अरेंज मैरिज सिस्टम में पारदर्शिता और समझदारी।
- झूठे आरोपों से बचाव के लिए परिवारों को सहारा।
प्रत्युषा का अनुभव बताता है कि इन मुद्दों को सुलझाने के लिए कानून, समाज, और न्याय प्रणाली को साथ मिलकर काम करने की जरूरत है।