यूपी बोर्ड इंटरमीडिएट प्रायोगिक परीक्षाएं टलीं, 23 जनवरी की जगह फरवरी में इस तारीख से होंगी शुरू
Newsindialive Hindi January 19, 2025 07:42 PM

यूपी बोर्ड इंटरमीडिएट के छात्रों के लिए प्रायोगिक परीक्षाएं अब कुछ दिनों के लिए टल गई हैं। संशोधित कार्यक्रम के अनुसार, यह परीक्षाएं 1 से 16 फरवरी तक आयोजित की जाएंगी। पहले चरण में 23 से 31 जनवरी और दूसरे चरण में 1 से 8 फरवरी तक प्रायोगिक परीक्षाएं होनी थीं, लेकिन जेईई मेन्स परीक्षा 22 से 31 जनवरी तक होने के कारण बोर्ड ने प्रायोगिक परीक्षाओं की तिथियां आगे बढ़ा दी हैं। अब पहले चरण की परीक्षा 1 से 8 फरवरी तक और दूसरे चरण की परीक्षा 9 से 16 फरवरी तक आयोजित की जाएगी।

नौ से 16 फरवरी तक आगरा, सहारनपुर, बरेली, लखनऊ, झांसी, चित्रकूट, अयोध्या, आजमगढ़, देवीपाटन और बस्ती मंडलों में प्रायोगिक परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी। 1 से 8 फरवरी तक अलीगढ़, मेरठ, मुरादाबाद, कानपुर, प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी और गोरखपुर मंडलों में प्रायोगिक परीक्षाएं होंगी।

बोर्ड सचिव भगवती सिंह ने बताया कि कुछ छात्रों ने यह जानकारी दी कि जेईई मेन्स 22 से 31 जनवरी तक आयोजित हो रहे हैं, जिसके कारण यूपी बोर्ड इंटरमीडिएट की प्रायोगिक परीक्षाएं 23 से 31 जनवरी तक प्रस्तावित थीं। छात्रहित को ध्यान में रखते हुए पहले चरण की परीक्षा अब 9 से 16 फरवरी तक आयोजित की जाएगी। इस बार यूपी बोर्ड की इंटरमीडिएट प्रायोगिक परीक्षाओं में रसायन विज्ञान और भौतिक विज्ञान में सबसे ज्यादा छात्र पंजीकृत हैं। रसायन विज्ञान में 16,50,937 और भौतिक विज्ञान में 16,50,482 परीक्षार्थी जबकि जीव विज्ञान में 12,49,485 छात्र प्रायोगिक परीक्षा देंगे।

नई व्यवस्था से पारदर्शिता
इस साल की प्रायोगिक परीक्षाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए यूपी बोर्ड ने नई व्यवस्था लागू की है। अब परीक्षकों को छात्रों के अंक परीक्षा केंद्र पर ही बोर्ड के विशेष मोबाइल ऐप पर अपलोड करने होंगे। यह ऐप केवल परीक्षा केंद्र के 200 मीटर के दायरे में काम करेगा। साथ ही, परीक्षकों को छात्रों के साथ सेल्फी लेकर उसे ऐप पर अपलोड करना होगा। प्रधानाचार्य को परीक्षा की निगरानी और रिकॉर्डिंग की जिम्मेदारी दी गई है। इस तकनीकी और सख्त नियमों के जरिए परीक्षाओं में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित की जाएगी।

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