पेटीकोट कैंसर: साड़ी पहनने वाली महिलाओं के लिए एक नया स्वास्थ्य खतरा
Newsindialive Hindi January 21, 2025 12:42 PM

भारतीय महिलाओं के लिए साड़ी एक प्रिय पारंपरिक परिधान है, जो देशभर में विभिन्न उम्र और संस्कृतियों की महिलाओं द्वारा पहना जाता है। लेकिन जो महिलाएं इसे पूरे दिन लंबे समय तक पहनती हैं, वे अक्सर इसे सुरक्षित रखने के लिए नाड़ा बहुत कसकर बांधती हैं। यह पेटीकोट के नाड़े की अत्यधिक कसावट एक नए प्रकार के कैंसर का कारण बन रही है, जिसे “पेटीकोट कैंसर” (Petticoat Cancer) के नाम से जाना जाता है।

ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन ने उन महिलाओं के लिए गंभीर चिंता जताई है, जो नियमित रूप से साड़ी पहनती हैं। इस लेख में हम पेटीकोट कैंसर के बारे में जानेंगे, जो पेट और कमर के हिस्से को प्रभावित कर सकता है।

पेटीकोट कैंसर क्या है?

पेटीकोट कैंसर एक ऐसा स्वास्थ्य मुद्दा है जो साड़ी पहनने वाली महिलाओं में पेट और कमर के क्षेत्र में दबाव और कसावट के कारण उत्पन्न होता है। इस दबाव के कारण रक्त प्रवाह में बाधा आ सकती है और इससे विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

इसके लक्षण और प्रभाव
  • पेट में दर्द और असुविधा
    लगातार कसावट के कारण पेट में दर्द और असहजता हो सकती है।
  • पाचन संबंधी समस्याएं
    नाड़ा की अत्यधिक कसावट से पाचन तंत्र पर दबाव पड़ सकता है, जिससे अपच या गैस की समस्या हो सकती है।
  • संभावित कैंसर का खतरा
    कुछ अध्ययनों के अनुसार, नाड़े की अधिक कसावट से कोशिकाओं में असामान्य परिवर्तन हो सकते हैं, जो कैंसर का कारण बन सकते हैं।
  • सुरक्षा उपाय
    • नाड़े की सही कसावट: हमेशा नाड़ा को इतनी कसावट से न बांधें कि पेट और कमर पर दबाव पड़े।
    • आरामदायक कपड़े: कभी-कभी आरामदायक कपड़े पहनने पर विचार करें, जो शरीर को सही रूप में सपोर्ट करें।
    • ब्रेक लें: यदि संभव हो, तो लंबे समय तक साड़ी पहनने के बाद आराम करें और कुछ समय के लिए इसे उतार दें।

    साड़ी पहनना एक सुंदर और पारंपरिक परिधान है, लेकिन इसे पहनते समय अपनी सेहत का ध्यान रखना भी जरूरी है। पेटीकोट कैंसर के बारे में जागरूकता फैलाना और उचित सुरक्षा उपाय अपनाना सभी महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण है।

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