अमेरिका में जन्मे बच्चे को नहीं मिलेगी US की नागरिकता, जानें भारतीयों पर कितना असर
The Lucknow Tribune Hindi January 22, 2025 11:42 PM

नई दिल्‍ली : अमेरिका में न्यू जर्सी समेत 15 से अधिक प्रांतों ने मंगलवार को कहा कि वे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस कार्यकारी आदेश को चुनौती देंगे जो जन्म के आधार पर नागरिकता की संवैधानिक गारंटी को समाप्त करता है। ट्रंप ने सोमवार को ही अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली है। न्यू जर्सी के डेमोक्रेटिक अटॉर्नी जनरल मैट प्लैटकिन ने मंगलवार को कहा कि वह ट्रंप के आदेश पर रोक के लिए मुकदमा दायर करने में 18 प्रांतों, ‘डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलंबिया’ और सैन फ्रांसिस्को शहर के एक समूह का नेतृत्व कर रहे हैं। प्लैटकिन ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति के पास व्यापक शक्ति होती है, लेकिन वह शहंशाह नहीं हैं।’’

ट्रंप के आदेश से अमेरिका में जन्मे लोगों को अपने आप ही नागरिकता प्रदान करने की नीति समाप्त हो जाएगी। ट्रंप ने अपने चुनाव प्रचार अभियान के दौरान कहा था कि वह राष्ट्रपति बनने के बाद ऐसा करेंगे। प्लैटकिन और प्रवासी अधिकार अधिवक्ताओं ने संविधान के 14वें संशोधन का हवाला दिया जिसके अनुसार अमेरिका में जन्मे और उसके अधिकार क्षेत्र के अधीन रहने वाले लोग देश के नागरिक हैं।

राष्ट्रपति ट्रंप ने ऐलान क दिया है कि अगर नवजात के पैरेंट्स में से कोई एक अमेरिकी नागरिक या ग्रीन कार्ड धारक नहीं है, तो उस बच्चे को अमेरिकी नागरिक नहीं माना जाएगा। अब कहा जा रहा है कि इस फैसले का असर भारतीयों पर पड़ सकता है। इनमें हजारों ऐसे भारतीय भी शामिल हैं, जो अस्थाई वर्क वीजा (एच-1बी और एल1), डिपेंडेंट वीजा (एच4), स्टडी वीजा (एफ1), एकेडमिक विजिटर वीजा (जे1) या शॉर्ट टर्म बिजनेस या टूरिस्ट (बी1 या बी2) धारक हैं।

यह फैसला 20 फरवरी से अमेरिका में पैदा होने वाले बच्चों पर लागू होगा। हालांकि, इस फैसले को अदालत में चुनौती मिल चुकी है और अगर एक महीने के अंदर अदालत की तरफ से इसपर रोक लगा दी जाती है, तो यह प्रभाव में नहीं आएगा।

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