By Jitendra Jangid- दोस्तो आज के इस दूषित वातावरण और खान पान के कारण हमें कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता हैँ। ऐसी ही एक भारी परेशानी हैं गुर्दे की पथरी, जिसका सामना कई लोग करते हैं। ये पथरी शरीर के विभिन्न हिस्सों में बन सकती है, लेकिन विशेष रूप से गुर्दे की पथरी गंभीर असुविधा और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा कर सकती है। दवा और समय पर हस्तक्षेप गुर्दे की पथरी को प्रबंधित करने और हटाने में मदद कर सकता है, अधिक गंभीर मामलों में, सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है। लेकिन क्या आपको पता हैं कि कई ऐसे प्राकृतिक उपचार हैं जो गुर्दे के स्वास्थ्य का समर्थन कर सकते हैं, जिनमें पत्थरचट्टा का पत्ता, एक शक्तिशाली जड़ी बूटी जो गुर्दे की पथरी के इलाज में अपनी क्षमता के लिए जानी जाती है, आइए जानते हैं इसके बारे में पूरी डिटेल्स
पत्थरचट्टा का पत्ता क्या है?
पत्थरचट्टा, जिसे कैथेड्रल बेल्स, लाइफ प्लांट या मैजिक लीफ जैसे कई नामों से भी जाना जाता है, आयुर्वेद में व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त जड़ी बूटी है। इसे पारंपरिक चिकित्सा में पाषाण भेद, पनपुट्टी और भष्मपथरी के रूप में जाना जाता है। यह पौधा अपने विषहरण गुणों और गुर्दे की पथरी को हटाने में सहायता करने की क्षमता के लिए प्रसिद्ध है।
किडनी स्टोन के लिए पथरचट्टा का उपयोग कैसे करें?
गुनगुने पानी के साथ चबाना:
एक गिलास गुनगुना पानी लें और उसमें 2 से 3 ताजे पथरचट्टा के पत्ते चबाएँ। यह सरल तरीका समय के साथ किडनी स्टोन को घोलने में मदद कर सकता है।
काली मिर्च के साथ पथरचट्टा का जूस:
पथरचट्टा के पत्तों को पीसकर जूस निकाल लें। जूस में एक चुटकी काली मिर्च पाउडर मिलाएँ और नियमित रूप से इसका सेवन करें।
पथरचट्टा और सूखी अदरक का पाउडर:
पथरचट्टा के पत्तों को सुखाकर पीस लें। पीसे हुए पत्तों को सूखी अदरक के पाउडर के साथ मिलाएँ और मिश्रण को गर्म पानी के साथ पिएँ। यह तरीका किडनी स्टोन के कारण होने वाले दर्द से राहत प्रदान कर सकता है।
पत्थरचट्टा खाने का सबसे अच्छा समय:
सबसे अच्छे नतीजों के लिए, पत्थरचट्टा को खाली पेट खाने की सलाह दी जाती है। इससे इसके लाभकारी गुणों का बेहतर अवशोषण सुनिश्चित होता है और गुर्दे की पथरी को तोड़ने में मदद मिलती है।
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