अफगानिस्तान के 2015 विश्व कप हीरो शापूर जादरान ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से लिया संन्यास
newzfatafat January 31, 2025 11:42 PM





नई दिल्ली, 31 जनवरी (हि.स.)। अफगानिस्तान के बाएं हाथ के तेज गेंदबाज शापूर जादरान ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया है।

लंबे कद के इस तेज गेंदबाज ने 2009 में पदार्पण करने के बाद से अफगानिस्तान के लिए 44 वनडे और 36 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में हिस्सा लिया। दोनों प्रारूपों में उन्होंने 80 विकेट चटकाए। अफगानिस्तान के लिए उनका आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच 8 मार्च, 2020 को ग्रेटर नोएडा में आयरलैंड के खिलाफ टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में खेला था।

अपने खेल के दिनों में जादरान एक आक्रामक मानसिकता वाले ठेठ तेज गेंदबाज थे और एक बार उन्होंने रावलपिंडी एक्सप्रेस शोएब अख्तर को अपना आदर्श भी बताया था। वह अंतरराष्ट्रीय मंच पर अफगानिस्तान के दबदबे में प्रमुख शख्सियतों में से एक के रूप में उभरे। वनडे विश्व कप 2015 के दौरान उन्हें नायक का दर्जा मिला। बाएं हाथ के इस तेज गेंदबाज ने अभियान का अंत दस विकेट लेकर किया।

उनके विकेटों की संख्या में आधुनिक समय के महान स्टीवन स्मिथ, डेविड वार्नर, केन विलियमसन, तिलकरत्ने दिलशान और महमूदुल्लाह शामिल है। 4/38 के आंकड़े के साथ, उन्होंने अफगानिस्तान को आईसीसी टूर्नामेंट में अपनी पहली जीत हासिल करने में मदद की।

जादरान ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा, आज वह दिन है जिसका मैं कभी सामना नहीं करना चाहता था, लेकिन यह आखिरकार हर खिलाड़ी के लिए आता है। 22 साल की सेवा, त्याग और क्रिकेट के प्रति प्यार के बाद, मैं आधिकारिक तौर पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा करता हूं। यह मेरे जीवन का सबसे कठिन निर्णय रहा है क्योंकि क्रिकेट मेरे लिए सिर्फ एक खेल से कहीं बढ़कर है, यह मेरा जुनून, मेरी पहचान और मेरा उद्देश्य रहा है।

उन्होंने कहा, बचपन से ही, मैंने अफगानिस्तान का प्रतिनिधित्व करने का सपना देखा था, और अब पीछे मुड़कर देखता हूँ, तो मुझे गर्व होता है कि मैंने अपने देश का झंडा अंतरराष्ट्रीय मंच पर फहराने में भूमिका निभाई। मेरी यात्रा अफगान क्रिकेट के सबसे चुनौतीपूर्ण समय में शुरू हुई।

जादरान ने प्रशंसकों, अपने परिवार, टीम के साथियों और कोचों को धन्यवाद दिया जिन्होंने उनकी यात्रा में आने वाली चुनौतियों से निपटने में उनकी मदद की।

उन्होंने कहा, मैंने कठिनाइयों का सामना किया, सीमित संसाधनों में खेला और कई बाधाओं को पार किया, लेकिन मैंने कभी विश्वास नहीं खोया। क्रिकेट प्रशंसकों, मेरे साथियों, कोचों और विशेष रूप से मेरे परिवार के समर्थन ने मुझे हर कठिनाई से गुजरने में मदद की। मैं उन सभी का तहे दिल से शुक्रिया अदा करता हूं जो इस लंबी यात्रा में मेरे साथ खड़े रहे। मेरे परिवार, दोस्तों, प्रशंसकों और अफगानिस्तान के लोगों का प्यार, प्रार्थनाएं और अटूट समर्थन मेरी सबसे बड़ी ताकत रही है।

अंत में उन्होंने अफगानिस्तान की सफलता की कामना की और कहा कि वह हर जीत का जश्न मनाएंगे और उम्मीद करेंगे कि नए सितारे अफगानिस्तान को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे।

उन्होंने कहा, मैं इसके लिए हमेशा आभारी रहूंगा। हालांकि मैं अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से दूर जा रहा हूं, लेकिन खेल के प्रति मेरी प्रतिबद्धता बनी हुई है। मैं हमेशा अफगानिस्तान क्रिकेट की सफलता के लिए प्रार्थना करूंगा। अगर एक खिलाड़ी के तौर पर नहीं, तो एक समर्पित समर्थक के तौर पर, मैं हर जीत का जश्न मनाऊंगा और नए सितारों के उभरने की उम्मीद करूंगा जो अफगान क्रिकेट को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील दुबे

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