Dr Agarwals Healthcare IPO: रिटेल इन्वेस्टर को शेयर मिलना तय, GMP में गिरावट जारी, चेक करें सब्सक्रिप्शन स्टेटस
29 जनवरी को डॉ. अग्रवाल्स हेल्थ केयर लिमिटेड आईपीओ (Dr Agarwals Healthcare IPO) 3027.26 करोड़ रुपये जुटाने के लिए खुला और 31 जनवरी को बंद हुआ. डॉ. अग्रवाल्स हेल्थ केयर आईपीओ सब्सक्रिप्शन स्टेटस
- पहला दिन: सब्सक्रिप्शन के पहले दिन इस इश्यू के प्रति निवेशकों में रुझान कम नजर आया और यह महज 7 प्रतिशत ही बुक हो पाया. रिटेल कैटेगरी 12 प्रतिशत और एनआईआई कैटेगरी 6 प्रतिशत सब्सक्राइब हुई.
- दूसरा दिन: सब्सक्रिप्शन के दूसरे दिन रफ्तार बढ़ी और यह इश्यू कुल मिला कर 42 प्रतिशत बुक हुआ. रिटेल कैटेगरी 24 प्रतिशत, एनआईआई कैटेगरी 12 प्रतिशत और क्यूआईबी कैटेगरी 1.01 गुना सब्सक्राइब हुई.
- तीसरा दिन: क्यूआईबी कैटेगरी में मांग के चलते यह इश्यू तीसरे दिन 1.49 गुना बुक हुआ. क्यूआईबी कैटेगरी में सर्वाधिक 4.41 गुना सब्सक्रिप्शन हुआ. एनआईआई कैटेगरी 39 प्रतिशत और रिटेल कैटेगरी 42 प्रतिशत बुक हुई. रिटेल और एनआईआई कैटेगरी में जिन्होंने भी सब्सक्रिप्शन के लिए बोली लगाई है उन्हें शेयर मिलना तय है.
इश्यू साइज का आधा हिस्सा योग्य संस्थागत खरीदारों के लिए, 35 प्रतिशत गैर-संस्थागत निवेशकों के लिए और शेष 15 प्रतिशत खुदरा निवेशकों के लिए आरक्षित किया गया है. Dr. Agarwal's IPO GMPबाजार विश्लेषकों के अनुसार अनलिस्टेड मार्केट में Dr. Agarwal's IPO GMP शून्य रुपये है. जीएमपी लगातार नीचे आ रहा है. इस इश्यू का उच्चतम जीएमपी 54 रुपये रहा है. इश्यू खुलने वाले दिन जीएमपी 5 रुपये था. अन्य विवरणडॉ अग्रवाल्स हेल्थ केयर मोतियाबिंद, रिफरेक्टिव और अन्य सर्जरी, परामर्श, निदान, गैर-सर्जिकल उपचार और ऑप्टिकल उत्पादों, कॉन्टैक्ट लेंस, सहायक उपकरण और नेत्र देखभाल से संबंधित दवा वस्तुओं की बिक्री सहित सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है.नए इश्यू से प्राप्त 195 करोड़ रुपये की राशि का उपयोग ऋण के भुगतान के लिए किया जाएगा और इसके अलावा, एक हिस्से का उपयोग सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों और अन्य कार्यों के लिए किया जाएगा.शेयर अलॉटमेंट को 3 फरवरी को अंतिम रूप दिया जाएगा. 4 फरवरी को डीमैट अकाउंट में शेयर क्रेडिट होंगे और कंपनी को 5 फरवरी को BSE, NSE पर शेयर के लिस्ट होने की उम्मीद है.(अस्वीकरण: विशेषज्ञों द्वारा दी गई सिफारिशें, सुझाव, विचार और राय उनके अपने हैं. ये इकोनॉमिक टाइम्स हिन्दी के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं)