Jackie Shroff Birthday Special : बस स्टैंड पर चमकी थी 'जग्गू दादा' की किस्मत, एक क्लिक में पढ़िए भिडू की फर्श से अर्श तक की कहानी
Samachar Nama Hindi February 01, 2025 01:42 PM

मनोरंजन न्यूज़ डेस्क -  जैकी श्रॉफ बॉलीवुड के मशहूर एक्टर हैं। 80 के दशक में उनकी फिल्में हिट रहीं। उन्होंने खुद को एक एक्शन हीरो के तौर पर इंडस्ट्री में स्थापित किया। जैकी को रोमांटिक हीरो के तौर पर भी काफी पसंद किया गया। जैकी श्रॉफ ने काफी संघर्ष के बाद बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाई। उनका बचपन मुंबई की एक चॉल में बीता। वहां से निकलकर उन्होंने एक्शन हीरो बनकर दुनियाभर में अपना नाम बनाया। यह आसान नहीं रहा होगा। आज जैकी श्रॉफ का जन्मदिन है। आइए जानते हैं उनके करियर के सफर के बारे में...


11वीं के बाद छोड़ दी थी पढ़ाई
जैकी श्रॉफ का जन्म 1 फरवरी 1957 को मुंबई के वॉकेश्वर के तीन बत्ती इलाके में हुआ था। उनका असली नाम जयकिशन ककूभाई श्रॉफ है। जैकी ने अपने करियर में करीब 250 फिल्मों में काम किया है। जैकी श्रॉफ की कहानी किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं है। जैकी का जन्म एक गरीब परिवार में हुआ था। कहा जाता है कि जैकी हमेशा अपनी चॉल के लोगों की मदद करते थे और इसी वजह से उनका नाम 'जग्गू दादा' पड़ा। चॉल में सभी उन्हें इसी नाम से पुकारते थे। गरीबी के कारण जैकी ने 11वीं के बाद पढ़ाई छोड़ दी और नौकरी की तलाश में लग गए। उन्हें खाना बनाने का बहुत शौक था, इसलिए वे ताज होटल में नौकरी के लिए गए, लेकिन उन्हें वहां नौकरी नहीं मिली।


बस स्टैंड पर मिला मॉडलिंग का ऑफर

नौकरी की तलाश में कई दिनों तक भटकने के बाद एक दिन जैकी बस स्टैंड पर बस का इंतजार कर रहे थे, वहां खड़े एक शख्स ने उनकी हाइट देखकर उनसे पूछा, 'क्या आप मॉडलिंग में दिलचस्पी लेंगे?' और जवाब में जैकी ने कहा, 'क्या आप पैसे देंगे?' यहीं से जैकी श्रॉफ की एक्टिंग पारी शुरू हुई। जैकी ने साल 1973 में फिल्म हीरा पन्ना से इंडस्ट्री में कदम रखा. इसमें उनका निगेटिव रोल था। इसके बाद उनकी फिल्म 'स्वामी दादा' आई. लेकिन, सुभाष घई की फिल्म के बाद जैकी श्रॉफ की किस्मत बदल गई. काफी संघर्ष के बाद जैकी श्रॉफ को सुभाष घई की फिल्म 'हीरो' में काम करने का मौका मिला. फिल्म बहुत बड़ी हिट रही और इसके बाद जैकी श्रॉफ को कभी पीछे मुड़कर नहीं देखना पड़ा।


उनके घर के बाहर निर्देशकों की भीड़ लगी रहती थी
फिल्म 'हीरो' ने जैकी श्रॉफ की लोकप्रियता में चार चांद लगा दिए थे। हर निर्माता-निर्देशक उन्हें अपनी फिल्म में लेने के लिए आतुर रहता था। उनके घर के बाहर बड़े-बड़े निर्देशकों की लाइन लगी रहती थी। कहा जाता है कि जैकी श्रॉफ के प्रति दीवानगी इस कदर थी कि अगर वह टॉयलेट में होते तो निर्माता-निर्देशक टॉयलेट के बाहर खड़े होकर उन्हें अपनी फिल्म में लेने का इंतजार करते थे।


हीरो बनने के बाद भी नहीं छोड़ा चॉल
जैकी श्रॉफ गरीबी और तंगहाली से उठकर फिल्मों की दुनिया में आए थे और वह इसकी कीमत बखूबी जानते थे। शायद यही वजह थी कि फिल्म 'हीरो' के हिट होने के बाद भी जैकी ने चॉल में रहना नहीं छोड़ा। वह सालों तक वहीं रहे। उनकी कुछ फिल्मों की शूटिंग उसी चॉल में हुई थी। जैकी श्रॉफ ने 1987 में आयशा से लव मैरिज की थी। उनके दो बच्चे टाइगर श्रॉफ और कृष्णा श्रॉफ हैं। वर्कफ्रंट की बात करें तो जैकी श्रॉफ हाल ही में 'मस्त में रहने का' में नजर आए थे।

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