लखनऊ, 02 फरवरी . मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विश्व वेटलैंड्स डे पर रविवार को गोंडा के पार्वती अरगा पक्षी विहार में ‘हम सभी के भविष्य के लिए आर्द्रभूमियों का संरक्षण’ विषयक कार्यक्रम का शुभारंभ किया. मुख्यमंत्री योगी ने इस अवसर पर विभिन्न पुस्तकों का विमोचन, प्रदर्शनी का अवलोकन और विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत किया.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भूजल संरक्षण, सिंचाई-पेयजल की उपलब्धता, बाढ़ व सूखे पर नियंत्रण, कार्बन भंडारण व जलीय पारिस्थितिकी तंत्र पर निर्भर वनस्पतियों, वन्य प्राणियों, प्रवासी व स्थानीय पक्षियों के संरक्षण के साथ-साथ भोजन, औषधि, आजीविका, आय के संसाधन उपलब्ध कराने में वेटलैंड्स की बड़ी भूमिका है. जलीय पारिस्थितिकी ही नहीं, बल्कि जीव-जंतु की पारिस्थितिकी भी वेटलैंड्स पर निर्भर करती है. यह प्रकृति के मूल स्वरूप की तरफ ध्यान आकर्षित करने का माध्यम भी बनती है. पार्वती और अरगा प्राकृतिक झील प्रकृति के मूल स्वरूप की तरफ हमारा ध्यान आकर्षित करते हैं. यह भारत के उस विरासत का प्रतीक है, जो सरयू नदी के कारण सैकड़ों वर्ष पहले प्राकृतिक झील बना. इसका स्वरूप आज भी उसी रूप में है. यहां प्रवासी व स्थानीय पक्षी बैठे हैं. हजारों किमी. की दूरी तय कर वे हर बार यहां आते हैं. गर्मी बढ़ने पर अपने देश जाने लग जाएंगे. यह अपने साथ वहां की परिस्थितियों से भी हमें अवगत कराने को प्रेरित करती है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने का माध्यम है. ईको, हैरिटेज, स्प्रिचुअल टूरिज्म रोजगार सृजन का भी बड़ा माध्यम बनता है. यहां से 20 किमी. दूर अयोध्या में 2016 में महज 2.35 लाख पर्यटक आए थे. हमारी सरकार ने वहां कनेक्टिविटी ठीक की, थोड़ी सुविधाएं बढ़ाईं तो 2024 में 16. 11 करोड़ लोग यहां आए. इससे रोजगार में काफी वृद्धि हुई. गाइड, रेस्तरां, टैक्सी, होटल, होम स्टे, टेंट सिटी, फूल-पत्ती, व्यवसाय आदि के जरिए भी लोगों का रोजगार बढ़ा.
वेटलैंट के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि धरती हमारी माता है. पुत्र के रूप में मां का संरक्षण व सुरक्षा करना हमारा दायित्व है. उन्होंने कहा कि अक्सर ऐसी साइट अतिक्रमण की चपेट में आती है. बेतरतीब निर्माण होता है, जिससे पारिस्थितिकी तंत्र प्रभावित होता है. अनेक वेटलैंड इसके दुष्परिणाम भुगत रहे हैं. इससे जीव-जंतुओं की प्रजातियां भी नष्ट होती हैं. इसी को ध्यान में रखकर रामसर अंतरराष्ट्रीय वेटलैंड कन्वेंशन (यह ईरान के अंदर है) में 1971 में तय हुआ था कि दुनिया को बचाना है तो इस पर ध्यान देना होगा. सीएम ने कहा कि आजादी के बाद मात्र 23 रामसर साइट्स तैयार हुए थे. पीएम मोदी के मार्गदर्शन में 10 वर्ष में इसे बढ़ाकर 89 तक पहुंचाने में सफलता हासिल की गई. यूपी में भी इस साइट्स के संरक्षण के निरंतर प्रयास करने पड़ेंगे.
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि पांच-सात साल पहले तक किसी आयोजन पर लोग चीन के प्रोडक्ट का गिफ्ट देते थे, लेकिन आज उपहार स्वरूप ओडीओपी का उत्पाद दिया जाता है. इससे लोकल मार्केट सुदृढ़ होता है. ढेर सारे लोगों को रोजगार का अवसर मिलता है. महिला स्वयंसेवी समूह के माध्यम से भी बढ़ने वाले कार्य भी आत्मनिर्भरता की तरफ अग्रसर करेंगे. ग्राम पंचायत व प्रत्येक परिवार को आत्मनिर्भर बनाना पड़ेगा. आत्मनिर्भरता का लक्ष्य यदि इस माध्यम से बढ़ा लेंगे तो तीन से चार वर्ष में यूपी की इकॉनमी को एक ट्रिलियन डॉलर की बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने में हम सफल होंगे.
टिकरी जंगल को ओपन सफारी के रूप में विकसित करने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि टिकरी जंगल को ओपन सफारी के रूप में विकसित करने से यह मंडल व अवध क्षेत्र को ईको टूरिज्म के बहुत बड़े केंद्र के रूप में विकसित कर देगा. कनेक्टिविटी की जिम्मेदारी यूपी सरकार लेगी. पार्वती व अरगा वेटलैंड्स को सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना के साथ जोड़ने के लिए भी सरकार कार्य करेगी. उन्होंने कहा कि आज से 8 वर्ष पहले हुए सर्वे में गोंडा देश का सबसे गंदा जनपद था, लेकिन आज गोंडा की रैंकिंग अच्छी आती है. आज यहां मेडिकल कॉलेज बन गया है. 100 वर्षों से जिन वनटांगियाें को अधिकार नहीं मिला था, उन्हें आज अधिकार भी प्राप्त हुआ और सम्मानित जीवन भी व्यतीत कर रहे हैं.
इस अवसर पर केंद्रीय राज्यमंत्री व गोंडा के सांसद कीर्तिवर्धन सिंह, प्रदेश के कैबिनेट मंत्री दारा सिंह चौहान, वन-पर्यावरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. अरुण कुमार सक्सेना, वन राज्यमंत्री के.पी. मलिक, प्रमुख सचिव वन-पर्यावरण अनिल कुमार सहित तमाम जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे.
मुख्यमंत्री ने इन्हें किया सम्मानित
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को सम्मानित भी किया. पुरस्कार स्वरूप तीन प्रतियोगिताओं के विजेताओं को मुख्यमंत्री व केंद्रीय मंत्री ने पुरस्कृत किया. तीनों प्रतियोगिताओं की विजेता बालिकाएं ही रहीं. तीनों चित्रकला प्रतियोगिता में श्रद्धा मौर्या (कक्षा-8) विजयी रहीं. इन्हें तीन हजार रुपये, स्मृति चिह्न व प्रमाण पत्र प्रदान किया गया. क्विज की विजेता अदिति लांगोरी (कक्षा-9) को तीन हजार रुपये, स्मृति चिह्न व प्रमाण पत्र दिया गया. नुक्कड़ नाटक की विजेता अर्चिता सिंह (कक्षा-12) 20 हजार रुपये, स्मृति चिह्न व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया.
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/ श.चन्द्र