वसंत पंचम स्नान से पहले एक्शन में CM योगी, अमृत स्नान के लिए कैसी है महाकुंभ में तैयार?
Webdunia Hindi February 03, 2025 02:42 AM

Prayagraj Mahakumbh 2025 : महाकुंभ के अंतिम अमृत स्नान पर्व बसंत पंचमी पर मेला प्रशासन और पुलिस को जीरो एरर के साथ सकुशल स्नान संपन्न कराने के मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद पुलिस और प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है और एडीजी भानु भास्कर स्वयं मेला क्षेत्र में भीड़ नियंत्रण व्यवस्था की देखरेख कर रहे हैं। ALSO READ:

गत मंगलवार देर रात संगम नोज पर घटी भगदड़ की घटना के बाद शनिवार को पहली बार प्रयागराज आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटनास्थल का निरीक्षण किया था और अस्पताल जाकर घायलों से मिलकर उनका हालचाल जाना था। इस बीच, मुख्यमंत्री ने बसंत पंचमी स्नान के लिए तैयारियों की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को शून्य त्रुटि के साथ स्नान संपन्न कराने के निर्देश दिए थे।

रविवार की सुबह एडीजी भानु भास्कर मेला प्राधिकरण भवन में स्थित इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) पहुंचे जहां उन्होंने स्क्रीन पर पूरे मेला क्षेत्र, चौराहों और मेला प्रवेश स्थलों को देखा और घाट से भीड़ खाली कराने के लिए स्वयं लाउडस्पीकर पर निर्देश दिया। ALSO READ:

आईसीसीसी से माइक पर भानु भास्कर ने श्रद्धालुओं से कहा कि कृपया घाट पर स्नान करने के बाद अनावश्यक ना बैठें और घाट खाली करें जिससे दूसरे श्रद्धालु स्नान कर सकें। घाट पर खाना पीना ना करें और दूसरी जगह जाकर खानपान करें। उन्होंने सेंटर में पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया कि घाट पर कहीं भी भीड़ रुकने ना पाए और स्नान करने के बाद वहां से अपने गंतव्यों के लिए प्रस्थान करे।

मेला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि पूरे मेला क्षेत्र में पुलिस बल को भीड़ नियंत्रण पर विशेष ध्यान देने को कहा गया है। वहीं, लखनऊ से आए प्रशासनिक अधिकारी भानु चंद्र गोस्वामी और आशीष गोयल अपने पिछले अनुभवों को साझा कर मेला प्रशासन का सहयोग कर रहे हैं। पिछले कुंभ (2019) में गोस्वामी प्रयागराज विकास प्राधिकरण के वीसी थे, जबकि गोयल उस समय प्रयागराज के मंडलायुक्त थे।

वसंत पंचमी स्नान पर्व के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़नी शुरू हो गई है और रविवार को सुबह 12 बजे तक 88.83 लाख लोग गंगा और संगम में डुबकी लगा चुके हैं। वहीं 13 जनवरी से अब तक करीब 34 करोड़ श्रद्धालु गंगा स्नान कर चुके हैं।

इस बीच, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने श्रद्धालुओं से अपील करते हुए कहा कि मान्यता है कि प्रयागराज के पांच कोस को संगम कहा जाता है। उन्होंने कहा कि इसलिए श्रद्धालुओं को फाफामऊ से लेकर अरैल तक कहीं पर भी स्नान करने पर महाकुंभ का पुण्य प्राप्त होता है। संगम क्षेत्र का सीमित क्षेत्रफल है। इसलिए सभी श्रद्धालुओं से अनुरोध है कि संगम क्षेत्र में अनावश्यक भीड़ ना बढ़ाएं।

वसंत पंचमी को तीसरे अमृत स्नान के बाद 5 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का महाकुंभ नगर आना प्रस्तावित है। इसको देखते हुए अगले कुछ दिन मेला प्रशासन और पुलिस के लिए चुनौतियों से भरा है।

उल्लेखनीय है कि गत मंगलवार देर रात संगम नोज पर भगदड़ मचने से 30 लोगों की मृत्यु हो गई थी और 60 लोग घायल हो गए थे।

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