वीरेंद्र सहवाग और आरती की दिल छू लेने वाली प्रेम कहानी
क्रिकेट की दुनिया में वीरेंद्र सहवाग का नाम सबकी ज़ुबान पर है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि उनके जीवन की सबसे बड़ी पारी प्यार की थी? उनकी और आरती अहलावत की प्रेम कहानी बचपन से शुरू हुई थी, जो धीरे-धीरे एक मजबूत रिश्ते में बदल गई।
वीरेंद्र और आरती की पहली मुलाकात तब हुई जब सहवाग महज़ 7 साल के थे और आरती 5 साल की। दोनों के बीच का संबंध पारिवारिक था, क्योंकि आरती सहवाग के मामा की रिश्तेदार थीं। घर में आने-जाने के दौरान दोनों की दोस्ती गहरी होती गई और यह दोस्ती समय के साथ प्यार में बदल गई। हालांकि, इस प्यार का इज़हार उन्होंने किशोरावस्था में किया, जब सहवाग ने अपनी भावनाओं को आरती के सामने रखा और उन्हें अपना दिल दे दिया।
लेकिन इस प्रेम कहानी के रास्ते में एक रुकावट भी थी – परिवार का विरोध। जब दोनों ने शादी करने का सोचा, तो उनके परिवार को यह रिश्ता ठीक नहीं लगा। लेकिन सहवाग ने अपने प्यार के लिए संघर्ष किया और आखिरकार अपने परिवार को मना लिया।
2004 में वीरेंद्र और आरती ने शादी के बंधन में बंधने का फैसला किया। उनकी शादी सादगी से भरी हुई थी, लेकिन इसमें प्यार की कोई कमी नहीं थी। इस शादी के बाद, आरती सहवाग के लिए न सिर्फ एक जीवनसाथी, बल्कि एक सशक्त सपोर्ट सिस्टम बन गईं। सहवाग कई बार मानते हैं कि आरती ने उनके करियर को संभालने में अहम भूमिका निभाई।
आज, इस प्यारी जोड़ी के दो बेटे – आर्यवीर और वेदांत – उनके जीवन का सबसे बड़ा खजाना हैं। यह प्रेम कहानी इस बात का जीवंत उदाहरण है कि सच्चा प्यार और विश्वास किसी भी मुश्किल को पार कर सकता है।
सहवाग और आरती का रिश्ता यह दर्शाता है कि जब दिल सच्चा हो, तो रिश्ते हमेशा मजबूत होते हैं, चाहे वह क्रिकेट का मैदान हो या जीवन की पिच!