सिजेरियन डिलीवरी एक सर्जिकल प्रोसेस है, जिसमें डॉक्टर पेट और यूट्रस को चीरकर बच्चे को बाहर निकालते हैं. यह तब किया जाता है जब नॉर्मल डिलीवरी संभव नहीं होती या मां और बच्चे की सेहत को खतरा हो सकता है. हालांकि कई बार लोगों को ऐसा कहते सुना जाता है कि सिजेरियन डिलीवरी से जन्मा बच्चा कमजोर होता है. ऐसे में आज हम डॉ. आस्था दयाल ( डायरेक्टर – आब्सटेट्रिक्स और गायनेकोलॉजी , सी के बिरला हॉस्पिटल गुरुग्राम) से जानेंगे कि इस बात में कितनी सच्चाई है.
क्या सिजेरियन बच्चे वाकई कमजोर होते हैं?
डॉ. आस्था दयाल ने कहा कि यह कहना गलत होगा कि सिजेरियन से जन्मे सभी बच्चे कमजोर होते हैं. हालांकि, कुछ मामलों में सिजेरियन से जन्मे बच्चों को शुरुआती दिनों में हल्की कमजोरी महसूस हो सकती है, लेकिन इसका कारण बिरथ प्रोसेस नहीं बल्कि अन्य कारण होते हैं.
1. मिथ: सिजेरियन बच्चे कमजोर होते हैं?
फैक्ट : सिजेरियन से जन्मे बच्चे भी नॉर्मल डिलीवरी वाले बच्चों की तरह ही होते हैं. उनकी सेहत पूरी तरह इस बात पर निर्भर करती है कि मां ने प्रेग्नेंसी के दौरान कैसा खान-पान रखा और जन्म के बाद उनकी देखभाल कैसी की जाती है.
2. मिथ: सिजेरियन बच्चों की इम्यूनिटी कमजोर होती?
फैक्ट : जन्म के बाद मां का दूध पीने से बच्चे की इम्यूनिटी मजबूत होती है, चाहे वह नॉर्मल डिलीवरी से जन्मा हो या सिजेरियन से.
3. मिथक: सिजेरियन से जन्मे बच्चों को सांस की समस्या होती है?
सच: कुछ मामलों में सिजेरियन बच्चों को जन्म के बाद हल्की सांस की परेशानी हो सकती है, लेकिन यह समस्या टेम्पररी होती है और सही देखभाल से दूर हो जाती है.
इन बातों पर दें ध्यान-
सिजेरियन से जन्म लेने का मतलब कमजोर होना नहीं होता. अगर बच्चे को सही देखभाल और नुट्रिशन दिया जाए, तो वह भी नॉर्मल डिलीवरी वाले बच्चों की तरह ही स्वस्थ और मजबूत बन सकता है.