नई दिल्ली, 05 फरवरी . गगन नारंग स्पोर्ट्स फाउंडेशन द्वारा शुरू की गई पॉडकास्ट सीरीज हाउस ऑफ ग्लोरी के नवीनतम एपिसोड में गोस्पोर्ट्स फाउंडेशन की सीईओ दीप्ति बोपैया ने भारतीय खेल जगत में गोस्पोर्ट्स के प्रभाव को साझा किया. उन्होंने बताया कि कैसे गोस्पोर्ट्स फाउंडेशन सभी के लिए समान अवसर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है.
दीप्ति बोपैया ने इस बात पर जोर दिया कि कैसे संस्थापक भागीदार के रूप में इंडसइंड बैंक के साथ फाउंडेशन के ‘पैरा चैंपियंस प्रोग्राम’ ने भारतीय पैरा-एथलीटों को रिकॉर्ड तोड़ने और विश्व मंच पर पदक जीतने में मदद की है. उन्होंने कहा कि हमें एहसास हुआ कि पैरा एथलीटों को एक अलग तरह की संरचना, सहायता प्रणाली, पहुंच और समझ की आवश्यकता है.
उन्होंने कार्यक्रम की सफलता के बारे में बताते हुए कहा कि जब हमने शुरुआत की थी, तब कोई भी संगठन पैरा एथलीटों का समर्थन नहीं कर रहा था. मैं रियो पैरालिंपिक में थी, जहां 19 लोगों का दल भेजा गया था. मुझे लगता है कि 4 में से 3 पदक विजेता ऐसे एथलीट थे जिनका हमने समर्थन किया था. अब पेरिस में, भारत के पास 29 पदक थे और उनमें से 4 पदक उन एथलीटों से आए जिनका हमने समर्थन किया था, जो 2016 में हमारे द्वारा भेजे गए दल से भी बड़ा है.
इंफोसिस फाउंडेशन की अनूठी पहल गर्ल्स फॉर गोल्ड पर चर्चा करते हुए दीप्ति ने खेल अकादमियों को अत्याधुनिक प्रशिक्षण केंद्रों में बदलने में कार्यक्रम की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया, जिससे होनहार महिला एथलीटों को उत्कृष्टता हासिल करने और अपनी पूरी क्षमता तक पहुंचने का अवसर मिल सके.
दीप्ति ने कहा कि हमें ऐसी अविश्वसनीय रूप से प्रतिभाशाली युवा लड़कियां मिलीं, जिन्होंने बहुत कम समर्थन के साथ ऐसे अद्भुत काम किए हैं. उन्होंने कहा कि यह एक अकादमी संचालित कार्यक्रम है जो लड़कियों का समर्थन करता है ताकि न केवल कुछ एथलीटों का समर्थन किया जाए बल्कि एक संपूर्ण विश्व स्तरीय पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण किया जा सके. इससे 50, 60 या 100 दीपा करमाकर और रानी रामपाल और पीवी सिंधु को तैयार करने में मदद मिल सकती है. ———–
/ वीरेन्द्र सिंह