फलौदी सट्टा बाजार ने मारी पलटी, दिल्ली में अब किसकी सरकार
Webdunia Hindi February 06, 2025 11:42 PM


Phalodi Satta Bazaar Trend: दिल्ली विधानसभा चुनाव परिणाम 2025 को लेकर अटकलों का दौर जारी है। ज्यादातर एक्जिट पोल दिल्ली में भाजपा की सरकार बना रहे हैं, जबकि कुछ पोल ऐसे भी हैं जो आम आदमी पार्टी की सरकार बना रहे हैं। चुनाव परिणामों को लेकर सट्टा बाजार का भी जोर है। इस बीच, मतदान के बाद फलौदी सट्टा बाजार ने पलटी मार दी है। मतदान से पहले आम आदमी पार्टी की सरकार बनाने का दावा करने वाले फलौदी सट्टा बाजार का रुख थोड़ा भाजपा की तरफ झुक गया है। हालांकि जो आंकड़ा दिया जा रहा है, वह बिल्कुल बॉर्डर पर है। दिल्ली में बहुमत के लिए 36 सीटों की जरूरत होगी। इस चुनाव में एक बात तय है कि आम आदमी पार्टी को 20 से 25 सीटों का नुकसान होता जरूर दिखाई दे रहा है।

मुकाबला अब भी कांटे का : हालांकि अब भी फलौदी सट्टा बाजार के अनुमानों में ज्यादा अंतर नहीं है। इसके मुताबिक भाजपा को दिल्ली में 32 से 34 सीटें मिल सकती हैं। जबकि आप को 34 से 36 सीटें मिल सकती हैं। यदि आम आदमी पार्टी को 36 सीटें मिल जाती हैं तो उसे बहुमत मिल जाएगा और चौथी बार दिल्ली में आप की सरकार बन सकती है। ALSO READ:

यदि आप की सीटें कम होती हैं तो फिर उसका सरकार बनाना काफी मुश्किल होगा क्योंकि दूसरे विधायकों के समर्थन की बात होगी तो पलड़ा भाजपा के पक्ष में ही रहेगा। यदि कांग्रेस को ज्यादा सीटें मिलती हैं, तो वह भाजपा को बाहर रखने के लिए आप का समर्थन कर सकती है। कांग्रेस को 1-2 सीटें मिलने का ही अनुमान विभिन्न एग्जिट पोल में किया गया है।

पहले क्या कहा था फलौदी सट्टा बाजार ने : पिछले अनुमान में आम आदमी पार्टी को 37 से 39 सीटें मिलने की संभावना व्यक्त की गई थी। वहीं, भाजपा को 31 से 33 सीटें मिलने की संभावना व्यक्त की गई है। उल्लेखनीय है कि भाजपा ने दिल्ली में आखिरी चुनाव 1993 में जीता था। हालांकि सट्टे के ट्रेंड बदलते भी रहते हैं।

उस समय पांच साल के कार्यकाल में भाजपा ने तीन मुख्यमंत्री दिए थे। सबसे पहले मदनलाल खुराना, फिर साहब सिंह वर्मा और 1998 के चुनाव से ठीक पहले भाजपा की दिग्गज नेता सुषमा स्वराज को मुख्यमंत्री बनाया गया था। इसके बाद से भाजपा दिल्ली की सत्ता से दूर है। भाजपा के बाद 15 साल तक दिल्ली की सत्ता कांग्रेस के पास रही, जबकि 2013 से राष्ट्रीय राजधानी में आप की सरकार है।

Edited by: Vrijendra Singh Jhala

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