छत्रपति संभाजीनगर में अपहरण का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां सात वर्षीय चैतन्य तुपे का अपहरण कर 2 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी गई। हालांकि, पुलिस ने 18 घंटे के भीतर ही बच्चे को सुरक्षित ढूंढ लिया और चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 18 घंटे के भीतर आरोपी से बच्चे को बरामद कर लिया। 30 अधिकारियों और 120 पुलिसकर्मियों की टीमें शहर के विभिन्न इलाकों में भेजी गईं।
छत्रपति संभाजीनगर के एन-4 इलाके में बिल्डर सुनील तुपे का बेटा चैतन्य तुपे अपने घर के बाहर साइकिल चला रहा था। इसी बीच, एक काली कार में सवार अपहरणकर्ताओं ने उसे साइकिल से गिरा दिया, उसे जबरन कार में डाल लिया और भाग गए। महज 15 से 20 मिनट के अंदर सुनील तुपे को फोन कर 2 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी गई।
120 पुलिसकर्मियों की टीम
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस ने इलाके के सीसीटीवी फुटेज की जांच शुरू कर दी है। फुटेज में अपहरणकर्ताओं की कार कैद हो गई, जिसके बाद पुलिस ने उनका पीछा किया। 30 अधिकारियों और 120 पुलिसकर्मियों की टीमें शहर के विभिन्न इलाकों में भेजी गईं।
जालना जिले के भोकरदन कस्बे में अपहरणकर्ताओं की कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिसके बाद पुलिस को बड़ा सुराग मिला। कार चालक का भोकरदन के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है, जहां से पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की। पूछताछ के आधार पर पुलिस ने जाफराबाद तालुका के ब्रह्मपुरी गांव के पास एक खेत से तीन और आरोपियों को गिरफ्तार किया और बच्चे को सुरक्षित बचा लिया।
आरोपियों को 18 घंटे के भीतर गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस कमिश्नर प्रवीण पवार खुद लगातार 18 घंटे तक इस ऑपरेशन में लगे रहे। पुलिस की त्वरित कार्रवाई और प्रयासों से बच्चे को सुरक्षित बचा लिया गया और सभी ने राहत की सांस ली। पुलिस ने इस मामले में कुल चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिसमें घायल आरोपी भी शामिल है, जिसका अस्पताल में इलाज चल रहा है। इसके अलावा, तीन अन्य लोगों को हिरासत में लिया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। छत्रपति संभाजीनगर पुलिस की इस त्वरित कार्रवाई की सर्वत्र प्रशंसा हो रही है। पुलिस की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई के कारण एक निर्दोष की जान बच गई और अपराधी पकड़े गए।