उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क बभनान-गौर रेल खंड पर रेलवे गेट संख्या-218 के पास दिन में करीब 12 बजे एक अज्ञात युवक का शव पड़ा मिला. इसकी सूचना कीमैन मेहीलाल ने गौर रेलवे स्टेशन मास्टर को दी. रेलवे के मेमो पर आरपीएफ चौकी प्रभारी बभनान विश्वामित्र यादव मौके पर पहुंचे और जांच-पड़ताल किया. साथ ही पैकोलिया थाने को घटना की जानकारी दी. पैकोलिया पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और शव को अपने कब्जे में लेकर शिनाख्त का प्रयास किया. लेकिन पहचान नहीं हो सकी. मृतक की उम्र करीब 35 वर्ष आकी जा रही है. पुलिस ने शव को बस्ती मर्चरी में रखवा दिया है.
कप्तानगंज थानाक्षेत्र में हाईवे किनारे नकली यूरिया फ्यूल बनाने की फैक्ट्री पकड़ी गई. यह फैक्ट्री एक भवन में चल रही थी, जिसे आरओ प्लांट के नाम पर एग्रीमेंट कराया गया था. सूचना पर मजिस्ट्रेट, जिला कृषि अधिकारी और पुलिस की टीम ने छापा मारा. मौके से फैक्ट्री संचालक भाग गया. अब इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की कार्रवाई शुरू की गई है.
कप्तानगंज थानाक्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग से सटे गड़हा गौतम ओवरब्रिज के पास एक घर में नकली यूरिया फ्यूल फैक्ट्री संचालित होने की सूचना पुलिस और प्रशासन को मिली थी. यहां पर एक दिन पहले रात में पुलिस ने छापेमारी की और भवन को सील कर दिया था. इसकी सूचना उच्चाधिकारियों के साथ जिला कृषि अधिकारी को दी गई थी. नायब तहसीलदार हर्रैया कमलेन्द्र प्रताप सिंह, जिला कृषि अधिकारी डॉ. बाबूराम मौर्य और प्रभारी निरीक्षक कप्तानगंज उपेन्द्र मिश्रा की टीम मौके पर पहुंची. दोपहर बाद तक गोदाम में बरामद सामानों की गिनती कर सूची बनाई गई. कृषि विभाग की टीम ने सामानों मेमो तैयार किया. जांच के दौरान गोदाम में यूरिया फ्यूल बनाने के उपकरण, यूरिया की बोरियां, आरो मशीन सहित अन्य उपकरण बरामद हुए. जिला कृषि अधिकारी डॉ. बाबूराम मौर्य ने बताया की बरामद सामानों का मिलान किया जा रहा है. प्लांट देखकर स्पष्ट हो गया कि यहां नकली यूरिया फ्यूल बनाया जा रहा था. प्लांट संचालक को नोटिस दिया जा रहा था. अग्रिम कार्रवाई के लिए डीएम को आख्या भेजी जा रही है.
आरओ प्लांट के नाम पर किया है एग्रीमेंट छापेमारी के दौरान मौके पर भवन स्वामी अरुण कुमार सिंह भी पहुंचे. पूछताछ में मकान मालिक ने बताया कि उन्होंने अपने भवन में आरओ प्लांट चलाने का एग्रीमेंट किया था, जिसके लिए किराया फिक्स किया था. उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि यहां पर नकली यूरिया फ्यूल बनाया जा रहा है. आरओ प्लांट के लिए किया गया एग्रीमेंट किसी अरविन्द तिवारी निवासी नथऊपुर थाना हर्रैया के नाम पर हैं.
पर्यावरण हो सकता है नुकसान पर्यावरण विशेषज्ञ डॉ. राकेश कुमार पांडेय ने बताया कि सरकार ने बीएस 6 इंजन में डीजल को सही तरीके से जलाने के लिए डीजल एक्झास्ट फ्यूल के प्रयोग की अनुमति दी है. इसके प्रयोग से डीजल का अधिकांश भाग जल जाता है और धूआं के रूप में कम निकलता है, जिससे पर्यावरण को कम नुकसान हो. यूरिया लिक्विड को 2018 में सरकार ने शुरू किया था, जो कई मानकों पर गुजरते हुए बनाया जाता है. नकली यूरिया लिक्विड फ्यूल का प्रयोग होने से सरकार की मंशा पर पानी फिर सकता है और पर्यावरण को नुकसान होगा.
बस्ती न्यूज़ डेस्क