Milkipur By-Election Result 2025: अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव की काउंटिंग जारी है. लोकसभा चुनाव में अयोध्या में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की हार के बाद मिल्कीपुर उपचुनाव के नतीजे पर पूरी देश की नजर टिकी है.
सुबह साढ़े 9 बजे तक रुझानों के मुताबिक, भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार चंद्रभानु पासवान करीब 4 हजार वोटों से आगे चल रहे हैं. जबकि, समाजवादी पार्टी (एसपी) के उम्मीदवार अजीत प्रसाद 2091 वोटों के साथ दूसरे नंबर पर हैं.
मिल्कीपुर उपचुनाव समाजवादी पार्टी (एसपी) और बीजेपी के लिए नाक की लड़ाई बन गया है. सीएम योगी की जहां प्रतिष्ठा दांव पर है, वहीं एसपी सुप्रीमो अखिलेश यादव की साख का सवाल है. थोड़ी देर में साफ हो जाएगा कि इस सीट पर कमल खिलता है या फिर साइकिल रफ्तार पकड़ती है.
समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद ने मिल्कीपुर उपचुनाव पर कहा, "मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव की मतगणना चल रही है. बीजेपी ने बेईमानी का रिकॉर्ड तोड़ दिया. हमने कई बार चुनाव आयोग के सामने पूरी बात रखी. हमारी सारी शिकायतें चुनाव में साबित हो रही थी. बीजेपी के गुंडे बूथ कैप्चर कर रहे थे. लेकिन चुनाव आयोग ने कुछ नहीं किया. इसके बावजूद बीजेपी हारेगी. एसपी का उम्मीदवार जीतेगा."
समाजवादी पार्टी और बीजेपी में टक्करयह सीट अयोध्या जिले का हिस्सा है, जहां से पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में एसपी के अवधेश प्रसाद ने बीजेपी के लल्लू सिंह को हराकर जीत हासिल की थी. राम मंदिर उद्घाटन के चार महीने बाद ही बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था, जो पार्टी के लिए बड़ा झटका था.
अब उसी अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर अवधेश के बेटे अजीत प्रसाद मैदान में हैं. दूसरी तरफ बीजेपी के चंद्रभानु पासवान को अपना उम्मीदवार बनाया है. हालांकि, आजाद समाज पार्टी ने अंतिम समय में सूरज चौधरी को मैदान में उतारकर मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है.
आरक्षित मिल्कीपुर सीट से मायावती की बीएसपी ने कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है. उधर, कांग्रेस ने इंडिया गठबंधन में अपनी सहयोगी समाजवादी पार्टी को समर्थन दिया है.
2017 में 26 साल बाद बीजेपी को मिली थी जीतउत्तर प्रदेश की मिल्कीपुर विधानसभा सीट 1967 में अस्तित्व में आई थी. अब तक यहां 17 विधानसभा चुनाव हुए हैं. सबसे ज्यादा 6 बार समाजवादी पार्टी ने जीत हासिल की है. दूसरे नंबर पर सीपीआई है, मित्रसेन यादव यहां से चार बार विधायक बने हैं. बाद में वो एसपी में शामिल हो गए थे.
अगर बीजेपी की बात करें तो इस सीट पर पार्टी को पहली बार 1991 में जीत मिली थी. मथुरा प्रसाद तिवारी यहां से विधायक बने थे. इसके बाद पार्टी को दूसरी जीत के लिए 26 साल तक इंतजार करना पड़ा. 2017 में बीजेपी के गोरखनाथ ने एसपी के अवधेश प्रसाद को 28 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था.
बीएसपी को यहां सिर्फ एक जीत मिली है. जबकि कांग्रेस 1989 के बाद से यहां एक भी चुनाव नहीं जीत पाई है.