नई दिल्ली, 11 फ़रवरी (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के बाजौता की रहने वाली सुनीता सिंह की कहानी उनकी दृढ़ता और दृढ़ संकल्प की मिसाल पेश करती है। 2015 में उन्होंने बीएलएस ई-सर्विसेज के माध्यम से एसबीआई कस्टमर सर्विस पॉइंट (सीएसपी) का प्रबंधन अपने हाथ में लिया था और अब वह अपने समुदाय में एक आधार-स्तंभ बन चुकी हैं। आज न केवल वे अपने परिवार का पालन पोषण कर रहीं है बल्कि दूसरों के लिए भी प्रेरणा बन रही हैं।
चार बच्चों की मां सुनीता ने बताया कि दस साल पहले उनके पति की लंबी बीमारी ने परिवार की आर्थिक स्थिति को कमजोर कर दिया था। उस समय वह बुरी तरह टूट गई थीं लेकिन उसी समय उन्होंने परिवार की जिम्मेदारी अपने कंधों पर उठाने का निर्णय किया। दृढ़ संकल्प से परिवार की जरूरतों को खुद पूरा किया। वह बताती हैं कि बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए खुद ही जिम्मेदारी उठाकर काम करना शुरू किया।
सुनीता ने बताया कि कड़ी मेहनत से वे 30,000 से 35,000 रुपये के अपने मासिक कमीशन के माध्यम से कमा लेती हैं। बच्चों की शिक्षा के साथ सुनीता ने हाल ही में अपना खुद का घर भी बना लिया है और अपनी बेटियों को भी आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्हें उच्च शिक्षा दे रही हैं।
सुनीता बैंकिंग में अपनी भूमिका के बारे में बताती हैं कि उनका काम बैंकिंग से कहीं आगे तक जाता है। वह खाता खोलने, जमा करने, निकासी जैसे ज़रूरी काम संभालती हैं। वित्तीय समावेशन को बढ़ाने के लिए सरकारी योजनाओं का प्रचार भी करती हैं। सुनीता बताती है कि उनका एक ही उद्देश्य है कि वे अपने अनुभव से दूसरी महिलाओं के जीवन को भी बदलें। वह कहती हैं कि जो महिलाएं घर पर अकेले हैं और थोड़ा पढ़ी लिखी हैं, वो भी इस काम से जुड़ें। इस मामले में वह अपने केंद्र पर अन्य महिलाओं की काउंसलिंग और मदद कर उन्हें भी आगे बढ़ाने का कार्य कर रही हैं।
सुनीता की कहानी दृढ़ संकल्प की शक्ति का प्रमाण है। अपनी अटूट भावना और कड़ी मेहनत के ज़रिए उन्होंने न केवल अपना जीवन बेहतर बनाया है, बल्कि अपने परिवार और समुदाय को भी सशक्त बनाया है।
—————
हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी
The post appeared first on .