किसान आंदोलन के एक साल पूरे, खनौरी बॉर्डर पर किसान संगठन आज करेंगे महापंचायत
Navjivan Hindi February 12, 2025 06:42 PM

पंजाब के खरौनी और शंभू बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन को आज 1 साल पूरे हो गए। किसान फसलों पर एमएसपी समेत अन्य मांगों को लेकर 1 साल से खरौनी और शंभू बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं। किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) ने पिछले साल फरवरी में 'दिल्ली चलो' की तर्ज पर विरोध प्रदर्शन शुरू किया था। कई बार किसानों ने दिल्ली कूच की कोशिश की लेकिन उन्हें हरियाणा बॉर्डर पर ही रोक दिया गया। आंदोलन के 1 साल पूरा होने पर आज किसान संगठन खरौनी बॉर्डर पर महापंचायत करेंगे।

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) ने मंगलवार को घोषणा की थी कि वह 12 फरवरी को एकता वार्ता के लिए एसकेएम द्वारा बुलाई गई बैठक में हिस्सा नहीं लेगा। संगठन ने कहा कि उसका नेतृत्व खनौरी प्रदर्शन स्थल पर ‘किसान महापंचायत’ के अपने कार्यक्रम में व्यस्त रहेगा। एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और केएमएम फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित विभिन्न मांगों को लेकर शंभू और खनौरी बॉर्डर पर प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे हैं। एसकेएम ने केंद्र सरकार के खिलाफ मिलकर लड़ाई लड़ने के लिए 12 फरवरी को चंडीगढ़ में दोनों संगठनों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया है।

मीडिया से बात करते हुए एसकेएम (गैर-राजनीतिक) के नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि 22 जनवरी को उन्होंने खनौरी और शंभू सीमा बिंदुओं पर जारी प्रदर्शन के एक साल पूरा होने के मौके पर 12 फरवरी को खनौरी बॉर्डर और 13 फरवरी को शंभू बॉर्डर पर ‘किसान महापंचायत’ के अपने कार्यक्रमों की घोषणा की थी।

उधर, एसकेएम (गैर-राजनीतिक) के किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल 76 दिनों से भूख हड़ताल पर हैं। उनका कहना है कि जब तक सरकार किसानों की पूरी मांगें नहीं मान लेती वह अपना भूख हड़ताल खत्म नहीं करेंगे।

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